दमोह / भारती शर्मा
दमोह में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहाँ एक नकली पत्रकार ने पुलिस से मकान हजम करने की फिराक में मकान मालकिन माँ-बेटी ऊपर पुलिस पर दबाब बना कर झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी।
क्या है मामला-
दमोह के बजरिया वार्ड निवासी माँ-बेटी पर चोरी की एफआईआर दर्ज करवा दी, चूंकि रिपोर्ट दर्ज कराने वाला सख्स कोई दूसरा नही बल्कि सगा चाचा है प्राप्त जानकारी के अनुसार कृष्ण कांत शर्मा पूर्व में कभी पत्रकार हुआ करता था जो वर्तमान में पत्रकारिता से मीलों दूर है किंतु अक्सर वह आम लोगों से लेकर प्रशासनिक अमले तक पर अपना रौब जमाता है इसी के चलते मकान हड़पने की नियत से उसने अपनी सगी भतीजी पर चोरी का प्रकरण दर्ज कराया है। परंतु सोचने बाली बात यह है चोरी जैसी संगीन वारदात में पुलिस ने बिना किसी तफ्तीश के चोरी का प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया, इसे व्यक्तिगत दबाब नही तो क्या कहेंगे क्योंकि जहाँ आम आदमी को एक छोटी सी प्राथमिकी दर्ज कराने कई चक्कर काटने पड़ते हैं तो वहीं दूसरी ओर दबंग लोगो की एफआईआर मात्र ई-मेल के माध्यम से दर्ज हो जाती है।
एफआईआर कर्ता के कमरे से ही हुआ सामान बरामद-
चोरी की रिपोर्ट में बताया गया सामान आवेदक के कमरे से बरामद हुआ, एफआईआर कर्ता अपना सामान अपने कमरे में ही रखे हुए था और अपना खुद का ताला लगाए हुए था। किंतु महिलाओं को परेशान करने के उद्देश्य मात्र से झूठी एफआईआर की गई। दूसरी ओर पुलिस द्वारा भी लगातार परेशान करवाया गया, देखने वाली बात यह है कि जहाँ मुख्यमंत्री महोदय आये दिन महिलाओं के संबंध में नए नए कानून लागू कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जमीनी सच्चाई कुछ और नजर आती है। लोग अपने फायदे के लिए अकेली महिलाओं को परेशान करते हैं जिसमे बिना बिबेचना किये पुलिस प्रकरण भी पंजीबद्ध कर देती है, हालांकि उक्त प्रकरण के संबंध मुख्यमंत्री से लेकर गृह मंत्री तक गुहार लगाई गई है।
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