बिजावर / सुरेश रजक
जहाँ एक कोरोना कर्फ्यू के चलते शासन प्रशासन की आर्थिक गतिविधियां दमाडोल हो गई है तो वहीं दूसरी ओर नगर परिषद बिजावर के वार्ड प्रभारियों की निष्क्रियता के चलते नगर परिषद लाखों के घाटे में जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 6 नामांतरण तो काफी पहले कर दिए गए किन्तु उनका रिकॉर्ड दुरुस्त आज तक नही किया गया जिससे लोग भवन कर देने भटक रहे हैं और उनका भवन कर जमा नही हो पा रहा है। ऐसे में परिषद की आर्थिक नैया कैसे पर लगेगी, लोगों के अनुसार जब शासन काम करने का वेतन देती है तो काम में आना कानी किस बजह से की जाती है यह स्पष्ट तो नही है किंतु अगर अस्पष्ट तौर पर देखें,तो बिना किसी सुविधा शुल्क के काम नही होता या फिर कोई राजनैतिक संरक्षण के चलते कर्मचारी दबंग हो गए। नगर के कुछ नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद बिजावर में वर्तमान समय मे ब्राह्मण वाद का बोल बोला है, नामांतरण हो चुके हितग्राहियों का कहना है कि जब नगर परिषद में भवन कर जमा करने पहुँचते हैं तो वहां बताया जाता है कि आपका नाम अभी पंजी में दर्ज नही है और न ही कंप्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज ऐसे में भवन कर जमा नही किया जा सकता है। दूसरी ओर वार्ड प्रभारी का सारा ध्यान केंद्रित केवल समस्त योजनाओं के तहत हो रहे आवास / भवन निर्माणों पर रहता है मानो ऐसा लगता है कि मा. प्रधानमंत्री महो. नगर परिषद आ कर वार्ड प्रभारियों को स्वंय आदेशित कर के गए हों कि सारे आवास जल्दी और अच्छे से बनना चाहिए। अब इसके पीछे का कारण जो भी हो।
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