छात्रों की शोभा अध्यापको से तथा तथा अध्यापकों की शोभा छात्रों से होती है यही सुंदर गुरु शिष्य परंपरा है—–डॉ कमल नयन शुक्ल
पाटन/संवाददाता
नगर स्थित तान्या कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल में आज छात्र-छात्राओं द्वारा भव्य शिक्षक दिवस एवं शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों के रूप में डॉक्टर कमल नयन शुक्ला प्रोफेसर एवं पूर्व विभाग अध्यक्ष संस्कृत विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, वेद प्रकाश पूर्व नगर निगम आयुक्त एवं कलेक्टर, संदीप रजक पूर्व आयुक्त निशक्तजन मध्य प्रदेश शासन , कैलाश शर्मा सेवानिवृत शिक्षक, शोभाराम सिंह ठाकुर सेवानिवृत शिक्षक एवं संस्था के प्राचार्य चरण सिंह की गरिमामई उपस्थिति रही। कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ इसके पश्चात छात्र-छात्राओं ने अतिथियों एवं समस्त अध्यापकों को सॉल श्रीफल तथा प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनके प्रति अपना समान व्यक्त किया।
इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए पूर्व कलेक्टर वेद प्रकाश जी ने कहा की आज आप सभी छात्र-छात्राओं को केवल गुड गर्ल या गुड बॉय के कल्चर में न पड़कर भारतीय संस्कृति को इसकी गौरवशाली विरासत को पहचान की आवश्यकता है भारतीय संस्कृति एवं गौरवशाली परंपराओं का बोध कराने वाली अच्छी पुस्तकों को पढ़कर हमें संस्कारवान बनाकर अपने देश के प्रति कर्तव्य सुनिश्चित करना चाहिए तथा उन्हें निभाने के लिए पूरी ऊर्जा के साथ काम करना चाहिए। आज छात्र-छात्राओं की आवश्यकता न केवल ज्ञान प्राप्त करना बल्कि उसके साथ प्रश्न करने का स्वभाव भी बनाना चाहिए इससे तार्किकता बढ़ती है प्रश्न और जिज्ञासा हमें चिंतन एवं मननशील बनाती है साथ ही हमें हर प्रकार की चुनौती को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ाना एवं स्वयं को बलवान बनाने की आवश्यकता है स्वयं को पहचानने के लिए अच्छा और सच्चा इतिहास खोज कर पढ़ना चाहिए।
इसी क्रम में डॉक्टर कमल नयन शुक्ला ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए भारतीय संस्कृति भारतीय ज्ञान एवं भारतीय परंपराओं को जानने और समझने का सुझाव दिया, उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति एवं भारतीय ज्ञान परंपरा केवल शिक्षित नहीं करती अपितु संस्कृत भी करती है। हमारे यहां कवियों में यह कहा गया है की चंद्रमा की शोभा रात से होती है और रात की शोभा चंद्रमा से होती है जैसे कमल की शोभा तालाब से होती है और तालाब की शोभा कमल से होती है इसी प्रकार छात्रों की शोभा अध्यापकों से तथा अध्यापकों की शोभा छात्रों से होती है एक दूसरे के पूरक बनकर यह सुंदर गुरु शिष्य परंपरा शताब्दियों से भारतीय ज्ञान को आगे बढती आई है। हमारे यहां रिश्तो को बड़ा महत्व दिया गया है सांसारिक रिश्तों के क्रम में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण सांसारिक किंतु दिव्य रिश्ता है गुरु और शिष्य का। यह रिश्ता सदैव पवित्र बना रहे मर्यादित बना रहे और इसकी गरिमा बनी रहे इसके लिए हमें सत प्रयास करना चाहिए।
संस्था के प्राचार्य चरण सिंह ने छात्र-छात्राओं को तथा सभी अध्यापकों को अध्यापक दिवस की बधाई देते हुए गुरु के महत्व के बारे में बताया साथ ही उन्होंने कहा की शिक्षक दिवस जिनकी याद में मनाया जाता है वह यद्यपि राष्ट्रपति थे तथापि पहले शिक्षक थे , उनसे हम एक प्रेरणा लेनी चाहिए की एक शिक्षक अपनी कार्य कुशलता एवं समर्पण के बल पर देश के सर्वोच्च पद को का सकता है। संदीप रजक ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं को निरंतर आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों द्वारा साहित्यिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई जिससे दर्शकों का मन प्रफुल्लित हो गया विविध प्रकार के खेलों ने इस कार्यक्रम की मनोरंजकता को और बढ़ा दिया। संपूर्ण आयोजन का प्रबंध छात्र-छात्राओं द्वारा ही किया गया तथा इस आयोजन की सफलता में विद्यार्थियों का विशिष्ट योगदान रहा।इस अवसर कैलाश शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।अंत में उपस्थित अतिथियों एवं संस्था के समस्त शिक्षकों का सम्मान पुष्प वर्षा कर किया पुष्प वर्षा से अतिथियों को मंत्र मुग्ध कर दिया । इस अवसर पर प्रमुख रूप से उपप्राचार्य सुजीत सिंह,नीरज पटेल,हेमन्त शर्मा ,ब्रजेश विश्वकर्मा, प्रताप नामदेव ,जसपाल सिंह,अनिल पटेल,मनीषा ठाकुर , राज प्रजापति,नारायण केसरवानी आदि एवं छात्र प्रमुख रूप से उपस्थित रहे ।

