पाटन/संवाददाता
.10 बजे से खेत में घुसा था तेंदुआ
.तहसीलदार एवं पुलिस प्रशासन मौके पर रहा मौजूद
.तीन लोग बने तेंदुए का निशाना
.वन-विभाग की निष्क्रियता के चलते नही पकड़ पाया तेंदुआ
पाटन तहसील अंतर्गत ग्राम मेढ़ी झामर के बीच खेत में आज तेंदुए ने आतंक किया, उड़ना सड़क से भेड़ाघाट रोड पर स्थित ग्राम मेढ़ी झामर में एक किसान के खेत पर सुबह से एक तेंदुआ आ गया जिसने वहाँ पर मौजूद तीन लोगों को अपना शिकार बना कर जख्मी किया, सूचना लगते ही घायलों को अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया।
क्या है मामला:
सुबह 10 बजे के लगभग ग्राम मेढ़ी का एक किसान अपने खेत पर भिंडी तोड़ने के पहुंचा, भिंडी के खेत में घुसते ही किसान के ऊपर तेंदुआ ने हमला कर दिया उसकी सहायता के पहुंचे दो अन्य लोगों को भी तेंदुए ने अपना निशाना बनाया, जिसके बाद ग्रामीणों द्वारा प्रशासन को सूचना दी गई।
तहसीलदार के साथ मिलकर पुलिस ने निभाई अहम भूमिका:
प्रशासनिक अधिकारी तहसीलदार प्रमोद चतुर्वेदी के साथ मिलकर पाटन थाना प्रभारी आशिफ इकबाल ने सारे दिन मोर्चा संभाले रखा ताकि किसी भी प्रकार से तेंदुए के कारण धन-जन हानि न हो सके, थाना प्रभारी आशिफ इकबाल के साथ उनि. उपाध्याय, उनि.सोनी, आ.अनुराग रैकवार, आ.रविकांत दुबे, आ. मीना आदि अपनी जान जोखिम में डाल कर लोगों की सुरक्षा करते दिखे।
वन अमला निकला फिसड्डी:
जहाँ एक ओर प्रशासनिक अधिकारी एवं पुलिस प्रशासन ने सराहनीय कार्य दिखाया तो वहीं दूसरी ओर वन विभाग फिसड्डी साबित हुआ, क्योंकि केवल वन-विभाग की लापरवाही के चलते तेंदुआ हाथ से निकल गया क्योंकि लोगों के अनुसार जब दिन में 12 बजे वन बिभाग को सूचना प्राप्त हो गई थी तो वन अमले ने त्वरित कार्यवाही क्यो नही की, वन विभाग द्वारा तेंदुआ पकड़ने के टीम तो बुलाई गई किंतु वह घटना स्थल शाम होते पहुंची और जब पहुंची भी तो पकड़े की अनुमति शाम 6 बजे पंहुचीं तब तक रात हो चुकी थी और अंधेरा छा गया था जिसका फायदा उठा कर तेंदुआ वहाँ से रफूचक्कर हो गया, अब सोचने वाली बात यह है कि अगर तेंदुआ रात में या कल सुबह फिर किसी पर हमला करता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा।