संतोष साहू/महाराष्ट्र
मुम्बई : बंदूक और आलिफ जैसी फ़िल्मों से अपने अभिनय के फ़िल्म समीक्षकों और दर्शकों के बीच में ख़ास स्थान बनानेवाले अभिनेता आदित्य ओम की प्राथमिकता ऐसे किरदारों की रहती हैं जिसमें अभिनय की विविधता हो। अपने अभिनय से हिंदी फ़िल्मों के साथ ही दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में आदित्य ओम फ़िल्मकारों की प्रभावित करते रहे हैं। विशेषकर तेलगू फ़िल्मों के नकारात्मक के साथ ही विविधता पूर्ण किरदार में पिछले दो दशक से दर्शकों का प्यार मिला है। इस साल आदित्य ओम के निर्देशन में बनी फ़िल्म मास्साब प्रदाशित हुई जिसे एक बार फिर समीक्षकों और दर्शकों ने बहुत सराहा।
आदित्य ओम अपनी आने वाली फ़िल्मों में भी अपने किरदारों से एक बार फिर कुछ नया करने वाले हैं। निर्देशक संजीव जायसवाल की फ़िल्म कोटा में वह एक दलित एक्टिविस्ट के किरदार में हैं, तो एक और हिन्दी फ़िल्म शंकर में एक विद्रोही, आंदोलनकारी भूमिका में हैं।
आदित्य ओम मानते है कि अब यथार्थवादी सिनेमा का दौर चल रहा है। दर्शक कहानी और किरदार से खुद को जोड़ते हैं। उनकी एक और ड्रीम प्रोजेक्ट फ़िल्म बंदी की बात करती हैं जो एक साथ हिन्दी, तेलगू और तमिल भाषा में बन रही हैं बंदी पर्यावरण के मुद्दों, वन संरक्षण और जलवायु परिवर्तन जैसे वैश्विक विषय पर बन रही फ़िल्म बंदी एक सिंगल करैक्टर फ़िल्म हैं राघव टी द्वारा निर्देशित, एक मिस्ट्री थ्रिलर है। भारतीय फ़िल्म के इतिहास में सुनील दत्त की फ़िल्म यादें आख़िरी सिंगल कैरेक्टर फ़िल्म थी आज की पीढ़ी के लिए बंदी अपने तरह की पहली फ़िल्म होगी।
दक्षिण भारतीय फ़िल्मों के भी आदित्य ओम किरदारों को लेकर अपनी पसंद को लेकर बहुत चूज़ी रहे हैं। उनकी तेलगू भाषा की फ़िल्में विक्रम, अमरम और दहनाम में उनके किरदार बहुत अलग है। दहनम में वह पहली बार एक वृद्ध पुजारी और एक बुजुर्ग का दोहरा किरदार निभा रहे हैं। अपनी हिट तेलगू फ़िल्म विक्रम के तमिल रिमेक महावीरन में भी नज़र आएँगे। आदित्य ओम की यह पहली तमिल फ़िल्म होगी।
एक अभिनेता के साथ ही लेखक़, निर्देशक, सोशल एक्टिविस्ट सकिय रहने वाले आदित्य ओम अपनी लघु फ़िल्मों से भी वैश्विक सिनेमा में पहचान बनायी है। उनकी लघु फ़िल्में जैसे ‘‘मिस्टर लोनली मिस प्यारी‘‘, ‘‘माया मोबाइल‘‘ और ‘‘मेरी मां के लिए‘‘ को काफी सराहा गया। आदित्य ओम द्वारा लिखित और निर्देशित अंगे्रजी भाषा की फीचर फिल्म ‘‘द डेड एंड‘‘ को अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहो में काफी पुरस्कार मिले हैं।
अभिनेता आदित्य ओम बताते हैं कि बतौर अभिनेता मैं ऐसा किरदार और सिनेमा करना चाहता हूँ जिससे दर्शक सीधे जुड़ सके। आज रियलिस्टिक फ़िल्में दर्शकों को पसंद आ रही हैं नयी पीढ़ी अपने नायक को आस पास के जीवन में खोजता हैं। मेरी आने वाली फ़िल्मों के दर्शकों को यह विविधता देखने को मिलेगी। इन फ़िल्मों और किरदार से मेरे अंदर के कलाकार को अभिनय का अवसर मिलता है।
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