बिजावर / शमीम खान
बिजावर अनुभाग के अंतर्गत आने वाले ग्राम महुआझाला में उचित मूल्य की दुकान धारक अपनी दुकान से नदारत रहते हैं उनके स्थान पर दूसरे सेल्समैन काम करते हैं।
एक नज़र मामले पर:
ग्राम महुआझाला में शासकीय उचित मूल्य की दुकान तो शासन द्वारा स्थापित की गई है परंतु दुकान संचालक पर शासन प्रशासन का कोई जोर नही है प्राप्त जानकारी के अनुसार महुआझाला की उचित मूल्य की दुकान माखन लाल दुबे के नाम स्वीकृत है जो अपनी दुकान पर कभी उपस्थित नही होते हैं उनकी जगह यहां राजबहादुर सिंह को राशन बांटते हुए देखा जाता है अनियमितता इतने से ही खत्म नही होती है लोगों के अनुसार यहां आज भी हाथ से लिखी हुई पर्ची लोगों को दी जाती है और बोल दिया जाता है कि सर्वर और सिग्नल नही मिल रहे, साथ ही लोगों का कहना है कि उन्हें मात्र गेहूं और चावल दिए जाते हैं बाकी नमक के पैकेट आज तक नही बाँटे गए है। दूसरी ओर देखें तो जो महाशय राशन बांटते हुए देखे जाते हैं उन पर पूर्व से ही एक एफआईआर दर्ज है, लोग यहां 3-3 किलोमीटर दूर से राशन लेने आते हैं किंतु उन्हें निराश हो कर घर लौटना पड़ता है किंतु यहां उनकी कोई सुनवाई नही है। एक तरफ़ तो शासन प्रशासन बड़े दावे करता है लेकिन दूसरी तरफ ज़मीनी सच्चाई यह है कि लोगों को राशन के लिए भटकना पड़ता है दुकानदार अपनी सेवाएं देता ही नही।