बिजावर/सुरेश रजक
बिजावर। विकासखंड अंतर्गत आने वाली शासकीय माध्यमिक शाला पतरा में बच्चों के भविष्य के साथ जमकर खिलवाड़ किया जा रहा है यहां आलम यह है कि शिक्षक ही बच्चों के भविष्य को अंधकार की ओर धकेलने का कार्य कर रहे है जबकि मध्यप्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रहे है, अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजते हैं कि हमारा बच्चा विद्यालय से कुछ सीखेगा लेकिन यहां तो आलम कुछ और ही है सामान्य तौर पर देखा जा सकता है कि शाला में बच्चों को अनुशासन की ही शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है अब बच्चों की मजबूरी कहीं जाए या शिक्षकों की लापरवाही यह विचारणीय पहलू है जिस ओर मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए क्योंकि शाला के बाहर का दृश्य इस प्रकार दिखाई दे रहा है की चारों ओर व्यापक पैमाने पर गंदगी ही गंदगी दिखाई दे रही है अब सोचने वाली बात यह है कि अगर स्वच्छता का अर्थ शिक्षक ही ना समझ सके तो आम आदमी का तो सवाल ही नहीं उठाता ऐसा माना जा सकता है कि शिक्षक अपनी शाला को लेकर जरा भी संवेदनशील नहीं है गौरतलब है कि बच्चे गणवेश का सही मायने में अर्थ ही नहीं समझ पा रहे इसमें मुख्य रूप से शिक्षकों का दोष है ना कि बच्चों का शिक्षकों के द्वारा बच्चों को सभी प्रकार की शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए क्योंकि छात्र राष्ट्र का निर्माता होता है और शिक्षक छात्र का भाग्य विधाता होता है, जिसको उक्त शाला के शिक्षक झुटला रहे है।