बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं टास्क फोर्स समिति की बैठक, समाज बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीें करे , बेटियों से ही समाजिक व्यवस्था संभव है ,सर्वाधिक लिंगानुपात वाली पंचायतें पुरस्कृत होगी
छतरपुर / ब्यूरो
बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं टास्क फोर्स समिति छतरपुर की बैठक कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। समीक्षा में पाया गया छतरपुर जिले में जन्म के समय शिशु लिंगानुपात वर्ष 2020-21 में 922 रहा है जो वर्ष 2014-15 से लेकर अब तक सर्वाधिक है। सर्वाधिक लिंगानुपात वाली पंचायतें पुरस्कृत होगीं। जारी वित्तीय वर्ष कार्ययोजना अनुमोदित की गई है। शाला त्यागी बालिकाओं को चिन्हित करते हुए पुनः शाला में प्रवेश कराया जाएगा। जिले में 1 अप्रैल 2021 से 30 जुलाई तक 12 बाल विवाह रोके गए।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा कि लिंगानुपात को प्रभावित करने वाले सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारणों से समाज को अवगत कराने तथा जागरूक बनाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। सामुदायिक जागरूकता बनाएं, और जिले के ऐसे ग्रामों को चिन्हित करें। जागरूकता के लिए जनप्रतिनिधियों की बैठक लें। इन क्षेत्रों आईसीडीएस की गतिविधियां सतत् रूप से चलाएं और सीडीपीवार समीक्षा करें। जहां लिंगानुपात को प्रभावित करने वाले सामाजिक कारण और स्थिति विद्यमान हैं। समाज को समझाइस दें कि बेटा होने की प्रबल इच्छा पर नियंत्रण रखें। बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीें करें। बेटियों से ही सामाजिक और पारिवारिक गृहस्थ जीवन जुड़ा है।
समीक्षा बताया गया कि जिले में पूर्णा अभियान संचालित होने से बेटी बचाओं अभियान को संजीवनी मिली है। जच्चा और बच्चा दोनों बच रहे। कलेेक्टर ने बेटी बचाओं को सार्थक करने के लिए निर्देशित किया। संस्थागत प्रसव कराने के लिए गर्भवती माता का सबसे पहले पंजीयन करें उसके बाद समय-समय पर परीक्षण किए जाकर जरूरत अनुसार उन्हें कुपोषण से बचाने पर ध्यान दें। इसके लिए आंगनबाड़ीवार कार्ययोजना बनाए।
कोविड-19 में जिन बच्चों के माता-पिता नहीं रहे ऐसे बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका सीएससी केन्द्रों पर जाकर पात्रता अनुसार बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनवाये। बैठक में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के पालन एवं क्रियांवयन को प्रभावी बनाने के लिए सीएमएचओ को आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए। बालिका की एनीमिया जांच के लिए स्वास्थ्य शिविरों को आयोजन का निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिलाओं को पोषित बनाने के लिए प्रति महीने 1.2 लाख से अधिक बच्चों तथा 1.27 लाख से अधिक किशोर बालिकाओं को आयरन की गोलियां दी जा रही है। बैठक मे सीईओ जिला पंचायत ए.बी. सिंह, सीएमएचओ डॉ. विजय पथौरिया, डीएसपी सुश्री अनुरुक्ति सबनानी, जिला शिक्षा अधिकारी एस.के. शर्मा, सीएमओ नगरपालिका ओ.पी.एस. भदौरिया, महिला बाल विकास के डीपीओ सहित सीडीपीओ उपस्थित थे।