विश्व पर्यटन नगरी खजुराहो मतंगेश्वर मंदिर के बाहर भक्त गण नजर आए वहीं से की पूजा अर्चना
छतरपुर(मोहम्मद साजिद)-ज्येष्ठ मास की अमावस्या को पति की लंबी दीर्घायु की कामना कर मनाये जाने वाला हिन्दू धर्म का प्रमुख पर्व वट सावित्री अमावस्या इस बार मंदिर ना खुलने से मतंगेश्वर दरवाजे पर ही नारियल और पूजा अर्चना की भक्त भक्तगण ने में बडे ही श्रद्धा उल्लास व भक्तिभाव के साथ वट वृक्ष के नीचे मनाया गया।
लक्ष्मीपुरम कॉलोनी इस विशेष तौर महिलाएं रचना सोनी, रश्मि सोनी ,किरन हरदेनिया, संगीता अवस्थी, नम्रता असाटी, संजू मिश्रा, दौरान उपस्थित सुहागिन महिलाओ ने वट वृक्ष के नीचे व सुविधानुसार घरो में पूजा की थाली सजाकर विधिवत पूजा आराधना कर व्रत का पालन किया। के प्राचीन मतंगेश्वर मंदिर के सामने महिलाए सुबह से पूजा अर्चना के लिए पहुची और परम्परा के मुताबिक व्रत का पालन कर वरदान मांगा। कहा जाता है कि माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा के लिए सबसे पहले इस व्रत का पालन कर यमराज को प्राण वापस करने के लिए विवश कर दिया था जिसके बाद यह व्रत सभी सुहागिन महिलाएं आज भी बड़े श्रद्धा के साथ करते चली आ रही है। व्रत में मीठे पकवान चना दाल लाल कपड़ा फल श्रंगार सामग्री आदि अर्पित कर लाल पीला कलेवा से फेरी लगाई जाती है साथ ही कथा का श्रवण किया जाता है। वही यह भी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन बच्चियों द्वारा गुड्डा गुड़ियों की शादी के बाद आज उनके गांठ भी छोड़े जाते है। हिन्दू धर्म के मुताबिक ऐसी मान्यता है कि वट वृक्ष अत्यंत पूज्यनीय है जहाँ महिलाओ द्वारा इस व्रत को करने से अखण्ड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।