छतरपुर (सौरभ शर्मा) – बुंदेलखंड के केदारनाथ माने जाने वाले प्रसिद्ध तीर्थ श्री जटाशंकर धाम विंध्य पर्वत श्रंखला के मध्य करोड़ों लोगों की विशेष आस्था का केंद्र माना जाता है। छतरपुर मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर बिजावर तहसील में यह भोले का धाम है चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्यता से परिपूर्ण विंध्य पर्वत श्रंखला के मध्य भगवान शंकर अपनी धूनी रमाए हुए है। यहां के लोगों के साथ साथ करोड़ों लोगो की आस्था है कि यहां लोगों को मनोकामनाएं तो पूर्ण होती ही है साथ में यहां स्थित कुंडों के जल से लोगों को कुष्ठ रोग से भी निजाद मिलता है। पारंपरिक तौर पर यहां श्रावण मास और बैशाख मास में मेले का आयोजन किया जाता है और पूरे महीने लोग भगवान आशुतोष को जल अर्पण करने आते है। वैसे यहां प्रत्येक माह की पूर्णिमा और अमावस्या को लाखों लोग स्नान करने आते हैं। यही नहीं समूचे बुंदेलखंड के साथ साथ देश विदेशों से भी लोग अपनी अपनी मन्नत ले कर भगवान नीलकंठ की शरण में आते हैं। मकर संक्रान्ति, बसंत पंचमी, और शिव विवाह जैसे त्याहारों पर यहां विशेष आयोजन किए जाते जिसमें देश के सभी क्षेत्रों से लोग आते है। हिन्दू आस्था का प्रतीक जटाशंकर धाम आयुर्वेदिक संसाधनों के लिए भी जाना जाता है यहां कई प्रकार को जड़ी बूटियों का भंडार विंध्य पर्वत श्रंखला में पाया जाता है।
