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March 18, 2025
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बारहवीं परीक्षा स्थगित

नई दिल्ली- सरकार ने कोरोना की वजह से इस साल CBSE 12वीं की परीक्षा रद्द कर दी है। इससे पहले 10वीं के एग्जाम भी रद्द कर दिए गए थे। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अहम बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में है। ऐसे माहौल में उन्हें परीक्षा का तनाव देना ठीक नहीं है। हम उनकी जान खतरे में नहीं डाल सकते। उन्होंने कहा कि 12वीं का रिजल्ट तय समयसीमा के भीतर और तार्किक आधार पर तैयार किया जाएगा। इस फैसले के बाद इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (ISC) के 12वीं के एग्जाम भी रद्द कर दिए गए। काउंसिल फॉर द स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन के चेयरमैन डॉ जी. इमानुएल के मुताबिक, रिजल्ट कम्पाइल करने पर आखिरी फैसला लिया जाना बाकी है।

बैठक में प्रधानमंत्री की 5 बड़ी बातें…
छात्रों के हित को ध्यान में रखकर ही 12वीं की परीक्षा पर फैसला लिया गया है।
छात्रों की सुरक्षा और सेहत हमारे लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इस पर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
परीक्षा को लेकर छात्र, पैरेंट्स और टीचर्स सभी परेशान थे। इस फिक्र को खत्म किया जाना जरूरी था।
ऐसे दबाव भरे माहौल में छात्रों को परीक्षा देने के लिए बाध्य किया जाना ठीक नहीं होगा।
परीक्षा से जुड़े सभी पक्षों को इस समय छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री के सामने सभी विकल्प रखे गए
इस बैठक में CBSE के चेयरमैन, शिक्षा मंत्रालय के सेक्रेटरी के अलावा केंद्रीय मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक हॉस्पिटल में एडमिट होने की वजह से इसमें नहीं जुड़ पाए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री के सामने प्रेजेंटेशन दी। यह प्रेजेंटेशन बोर्ड, राज्य सरकारों और परीक्षा से जुड़े सभी पक्षों से बातचीत के बाद तैयार की गई थी। सभी से मिले फीडबैक के आधार पर एग्जाम टालने का फैसला लिया गया।

अरविंद केजरीवाल ने एग्जाम रद्द करने की मांग की थी
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 12वीं की परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि पिछली परफॉर्मेंस के आधार पर छात्रों का आकलन किया जाए। केजरीवाल ने कहा था कि पेरेंट्स परेशान हैं। वे नहीं चाहते हैं कि वैक्सीनेशन किए बिना परीक्षा हो। एग्जाम रद्द होने के बाद उन्होंने इसे छात्रों के हित में लिया गया फैसला बताया है।

केंद्र ने फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट से 2 दिन का वक्त मांगा था
CBSE और ICSE बोर्ड की परीक्षा पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इसमें केंद्र ने कहा था कि वह गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना प्लान पेश करेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आप जो भी निर्णय लेंगे, उसके पीछे आपको मजबूत दलील देनी होगी। जस्टिस खानविलकर ने कहा था कि छात्रों को बहुत उम्मीद थी कि इस साल भी पिछले साल की तरह परीक्षा नहीं होगी और नंबरिंग के लिए मेथड सिस्टम अपनाया जाएगा।

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