.तीन दिन से नहीं हो सका नोटिस तमील
. त्वरित सहायता मे 100 डायल की ख़राबी का रहता बहाना
. राजस्व मामले मे करते है 151 की कार्यवाही
पाटन/संवाददाता
पुलिस थाना पाटन थाना प्रभारी के द्वारा राजस्व न्यायालय के आदेशों को पालन करने की अपेक्षा ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं किसी भी नोटिस को तमील कराने की जगह उसको पुलिस थाने मे ही रोक दिया जाता है हालांकि शासन के नियमानुसार स्थागन आदेश सम्बन्धी नोटिस पर कार्यवाही तुरंत मे की जाती है ताकि भविष्य मे दो पक्षो के बीच कोई विवाद उत्पन्न न हो सके और कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके, किन्तु पाटन पुलिस स्टॉफ शायद उस भविष्य की अप्रिय घटना का इन्तजार करती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम छत्तरपुर रिमझा निवासी शंकर लड़िया की ज़मीन पर दूसरा दबंग पक्ष कब्ज़ा किए हुए है एवं अवैद्ध भवन निर्माण कार्य करवा रहा है जिस सम्बन्ध मे आवेदक शंकर लड़िया द्वारा कई बार पुलिस थाना पाटन मे शिकायत दर्ज कराई गई किन्तु हर बार पुलिस स्टॉफ एक पक्षिय कार्यवाही करने मे मशरूफ रहती है चुंकि दूसरा पक्ष दबंग और धनाढ्य है इसलिए उस पक्ष पर कार्यवाही नहीं की जाती है अब इसका कारण जो भी हो।
प्रार्थी शंकर लड़िया द्वारा बताया गया की मेरे द्वारा कब्ज़ा मुक्त कराने के सम्बन्ध मे तहसीलदार पाटन के समक्ष केस दायर किया गया था जिस पर तहसीलदार कोर्ट द्वारा मेरे पक्ष मे स्थगन आदेश पारित किया गया था एवं थानाप्रभारी पाटन के लिए स्थगन आदेश पालन हेतु आदेशित किया गया था किन्तु थाना प्रभारी महो द्वारा उक्त आदेश को ठेंगा दिखाते हुए आज दिनांक तक तमील नहीं कराया ताकि दूसरे पक्ष का काम सूचरू चलता रहे।
आगे प्रार्थी द्वारा बताया गया सुबह विवाद की स्थिति बनने पर मेरे द्वारा मध्य प्रदेश शासन की योजना डायल 100 को भी फोन किया गया किन्तु वाहन ख़राब होने बहाना बना दिया गया जिस कारण जबलपुर शहर पुलिस वाहन इवेंट पर आया और विवाद सुलझाया जिसके बाद पुलिस थाना पाटन लाया गया किन्तु दूसरे पक्ष को काम बंद करने की हिदायत नही दी गई और मुहर्रम के बाद सुलझाने का आश्वासन थाना प्रभारी द्वारा दिया गया जो न्याय संगत नहीं है।
सूत्रों की माने तो पूर्व मे इसी ज़मीन विवाद मे थाना प्रभारी द्वारा धारा 151 के तहत दोनों पक्षो कों जेल भेज दिया था जो एक अनुचित कार्यवाही है क्योंकि मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्पष्ट टिप्पणी दी गई है पुलिस किसी भी ज़मीने विवाद मे आपराधिक प्रकरण दर्ज नहीं करेंगी क्योंकि इसका निराकरण राजस्व न्यायालय करेगा किन्तु पाटन नगर में शासन प्रशासन और न्यायालय के आदेशो की साफ धज्जियाँ उड़ाई जाती है।