पाटन/संवाददाता
पुलिस थाना पाटन के पुलिस बल पर सौ खून माफ़ वाली कहावत बिलकुल सटीक सिद्ध होती है क्योंकि यहाँ आम आदमी के लिए नियम क़ानून अलग हैं और पुलिस कर्मियों के लिए अलग है वो ज़ब जो चाहे वो कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा डीजीपी के आदेश जिले के समस्त थानो में सघन वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है जिसमे लोगों को मोटर वीकल एक्ट के साथ-साथ दुर्घटनाओ के प्रति जागरूक किया जा रहा है किन्तु पाटन पुलिस का अलग ही आलम है कि यहाँ मोटर व्हीकल एक्ट के समस्त प्रावधान शयद आम आदमी के लिए ही बनाये गए है जिसका पुलिस कर्मियों से कोई लेना देना नहीं है।
आज कल पुलिस थाना एवं टोल गेट पर वाहन चेकिंग लगई जा रही है जिसमे दो-पहिया वाहनों को अधिकतर रोका जाता है एवं हेलमेट न लगाने के कारण उनका चालान का अपना तारगेट पूरा किया जाता है किन्तु पाटन थाना स्टॉफ आज-तक कभी हेलमेट मे नहीं दिखा, चाहे हो चीता ड्यूटी वाले आरक्षक हों या चाहे वो उपनिरीक्षक पद वाले अधिकारी हो, सूत्रों के अनुसार थाना पुलिस के समस्त पुलिस कर्मी आज तक हेलमेट लगाए नहीं देखे गए वहीं बरिष्ठ उप-निरीक्षक अरबिंद सिंह आम आदमी को हेलमेट लगाने की सलाह तो देते है लेकिन स्वयं उसका पालन कभी नहीं करते, पाटन पुलिस की इसी दोहरी नीति से ग्रामीण क्षेत्र कि जनता त्रस्त है क्योंकि उनको आये दिन पाटन बाज़ार आना पड़ता है और पुलिस कि दोहरी नीति का शिकार होना पड़ता है।
नैतिकता के आधार जो हमारे बरिष्ठजन आचरण करते हैं उसी का अनुसरण छोटे लोग करते है जब पुलिस थाना पाटन मे पदस्थ अरबिंद सिंह हों या आकाश दीप साहू जैसे बरिष्ठ अधिकारी ही नियमो को ताक पर रख कर चलते है तो आरक्षकगण हेलमेट का उपयोग कैसे करेंगे, अभी वर्तमान मे कुछ समय पूर्व ही पुलिस थाना को नए थाना प्रभारी दिए गए है अब देखना यह है कि वो इन सारी परिस्थितियों कों कैसे सँभालते है या फिर गिने-चुने स्टॉफ से ही पूर्वानुसार पूरा थाना चलवाते हैं।