साक्षात्कारकर्ता: योगेश मिश्रा
स्थान: बुंदेलखंड | विशेष संवाददाता रिपोर्ट
“कुछ किए बिना ही यूं ही जय जयकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती…”
इन प्रेरणादायक पंक्तियों को सजीव करते नज़र आते हैं अभिनेता संजय वैद्य, जो इन दिनों बुंदेलखंड की धरती पर बन रहे टीवी धारावाहिक “झुमरी की लुगाई” में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से निकलकर अभिनय जगत में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था, लेकिन उनके संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुँचाया है।
शूटिंग के व्यस्त कार्यक्रम के बीच हमें संजय वैद्य से विशेष बातचीत का मौका मिला। प्रस्तुत हैं उस मुलाकात के प्रमुख अंश:
योगेश : संजय जी, सबसे पहले आपसे जानना चाहेंगे कि अभिनय के प्रति आपका रुझान कब और कैसे बना?
संजय वैद्य: मेरा जन्म एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। शुरुआत में जीवन में कई कठिनाइयाँ थीं, लेकिन अभिनय के प्रति रुझान बचपन से था। स्कूल के नाटकों से शुरुआत की, और वहीं से इस दिशा में कदम बढ़ाए।
योगेश : इन दिनों आप ‘झुमरी की लुगाई’ में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं। इस धारावाहिक के बारे में कुछ बताइए।
संजय वैद्य: यह धारावाहिक बुंदेलखंड की संस्कृति और ग्रामीण जीवनशैली को दर्शाता है। इसमें मेरा किरदार एक सशक्त, भावनात्मक और पारिवारिक इंसान का है। इसे निभाना मेरे लिए गर्व की बात है क्योंकि इसमें हमारी मिट्टी की सोंधी खुशबू बसती है।
योगेश: अभिनय के साथ-साथ आप एक व्यवसाय भी चला रहे हैं। ये दोनों जिम्मेदारियां कैसे संभालते हैं?
संजय वैद्य: हाँ, मैं मेडिकल क्षेत्र के पास एक व्यावसायिक प्रतिष्ठान भी चला रहा हूँ। शुरुआत में मुश्किल थी, लेकिन जब आप समर्पित रहते हैं, तो संतुलन बन ही जाता है। मेरे परिवार और सहयोगियों का भी इसमें बड़ा योगदान है।
योगेश: अब तक आपने किन फिल्मों या अन्य प्रोजेक्ट्स में काम किया है?
संजय वैद्य: मैंने “जय मां त्रिपुर सुंदरी” (हिंदी), “जान हमार हिंदुस्तान” (भोजपुरी) और “महिमा बाबा मोहन राम की” जैसी फिल्मों में कार्य किया है। इसके अलावा रंगमंच और एल्बमों में भी अभिनय किया है। ये अनुभव मेरे लिए बहुत मूल्यवान रहे हैं।
योगेश: अभिनय के क्षेत्र में आने की सोच रहे युवाओं को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
संजय वैद्य: अगर आप सच्चे मन से कुछ करना चाहते हैं, तो रास्ते खुद-ब-खुद बनते हैं। मेहनत करें, निरंतर प्रयास करें और कभी हार न मानें। जैसा कि आपने शुरुआत में कहा – “कोशिश करने वालों की हार नहीं होती।”
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@YogeshMishra_Dharm