संतोष साहू,
मुम्बई। एवरेस्ट एंटरटेनमेंट, ड्रीमविवर एंटरटेनमेंट और रवि जाधव द्वारा निर्मित और प्रताप फड़ द्वारा निर्देशित मराठी फिल्म ‘अनन्या’ 22 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इसमें अनन्या का जिद्दी सफर दिखाया जाएगा, जो कहती है, ‘यह संभव है, जो कुछ भी आप तय करते हैं वह संभव है’। हाल ही में इस फिल्म का ट्रेलर दर्शकों के सामने आया है और कुछ देर के लिए मन को झकझोर कर रख देने वाला यह ट्रेलर भी मन को पल भर में जीने की नई उम्मीद दे रहा है। फिल्म का लेखन और निर्देशन प्रताप फड़ ने किया है और ‘अनन्या’ का किरदार हृता दुर्गुले ने निभाया है। अनन्या के निर्माता ध्रुव दास, रवि जाधव और संजय छाबड़िया हैं।
ट्रेलर में अनन्या अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती नजर आ रही हैं, जिंदगी को भरपूर जी रही हैं। एक दुर्घटना में वह अपने दोनों हाथ खो देती है। लेकिन अनन्या एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ी नजर आ रही हैं। यह ‘अनन्या’ की एक प्रेरक यात्रा है जो दूसरों से अलग है जैसा कि नाम से पता चलता है और कहती है ‘यह संभव है, जो कुछ भी आप तय करते हैं वह संभव है!’ यह एक बहुत ही मूल्यवान फिल्म है।
निर्देशक प्रताप फड़ कहते हैं, “पिछले कई सालों से, मैं नाटकों के माध्यम से दर्शकों के लिए ‘अनन्या’ का परिचय दे रहा हूं। जीवन के साथ संघर्ष सभी को जीने के लिए प्रेरित करता है। ऋता ने ‘अनन्या’ के चरित्र को पूरी तरह से चित्रित किया है। अनन्या की भूमिका निभाने वाली ऋता दुर्गुले ने अपने अनुभव के बारे में बताते हुए कहा कि मैं ‘अनन्या’ के साथ अपनी फिल्म डेब्यू करने जा रही हूँ। पहली फिल्म इतनी बड़ी है, इससे ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं हो सकती। इस रोल के लिए मुझे शारीरिक और मानसिक हर चीज पर काम करना पड़ा, इसमें बहुत मेहनत लगी। बेशक, मुझे बहुतों का समर्थन प्राप्त था। मेरे लिए भी अनन्या का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा। इस फिल्म से मैंने जो कुछ सीखा, उनमें से एक अनन्या यह है कि जो हमारे पास नहीं है उस पर रोने के बजाय हमें जो कुछ है उसमें खुशी के साथ जीवन का पीछा करना चाहिए और छोटी चीजों में खुशी ढूंढनी चाहिए। जीवन में यह मिल जाए तो आपका जीवन सुखमय हो जाएगा।
एवरेस्ट एंटरटेनमेंट के संजय छाबड़िया कहते हैं कि मराठी कंटेंट हमेशा सार्थक होता है। यह कई अलग-अलग विषयों से संबंधित है। इसलिए, मैं ईमानदारी से सोचता हूं कि ऐसी फिल्में पूरी दुनिया में पहुंचनी चाहिए। असल में, इस फिल्म का विषय बहुत अलग है। कहानी बहुत ही प्रेरक है और यह विषय हर नुक्कड़ तक पहुंचना चाहिए, इसलिए मैं ‘अनन्या’ का हिस्सा बना। लंबे समय के बाद एवरेस्ट इस तरह की फिल्म लेकर दर्शकों के सामने आ रहा है। निर्माता रवि जाधव कहते हैं कि जब मैंने यह नाटक देखा तो मैं चाहता था कि यह एक फिल्म बने, और अब यह फिल्म बन गयी है। मैं इस फिल्म का हिस्सा बनकर खुश हूं।