भोपाल/ब्यूरो
राज्य चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों को सक्ते में डाल दिया है अपने एक आदेश ने राज्य चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों में हड़कंप से मचा दिया है, क्योंकि उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि जो उम्मीदवार आरक्षण के तहत नामांकन दाखिल कर रहे हैं उसमें जो जाति प्रमाण-पत्र लगाएं वो मध्यप्रदेश के सक्षम अधिकारी द्वारा ही बना होना चाहिए।
गैरतलब है कि जो निकाय चुनाव पिछले दो बर्षों से अटके पड़े हुए थे वो अब पूर्ण होने की कगार पर हैं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के चलते चुनाव कराए जा रहे हैं ऐसे में जो प्रत्याशी दूसरे किसी प्रदेश का जारी जाति प्रमाण पत्र संलग्न करते हैं तो उनका नामांकन निरस्त कर दिया जाएगा, इस आदेश चुनाव आयोग द्वारा जारी किया गया है, अब जो महिलाएं शादी के बाद मध्यप्रदेश आईं है उनका आरक्षण के तहत चुनाव लड़ना नामुमकिन माना जायेगा क्योंकि मध्य प्रदेश में जाति प्रमाण- पत्र के लिए 1984 का रिकार्ड मान्य किया जाता है।