पाटन/संवाददाता
पाटन क्षेत्र की जनता जनार्दन आज कल अघोषित बिजली कटौती के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ज्ञात हो की प्रदेश में गर्मी अपनी चरम सीमा हो रही है तापमान 46℃ तक पहुंच गया है ऐसे में लोग हाल-बेहाल घूम रहे हैं तो दूसरी ओर विद्युत विभाग किसी न किसी बहाने बिजली गुल कर देता है ऐसे में लोगों के पास कोई कोई चारा नही है।
वहीं दूसरी ओर देखें तो अघोषित बिजली कटौती के शासकीय कार्यों पर भी इसका असर देखने मिल रहा है क्योंकि वर्तमान समय मे प्रत्येक शासकीय एवं गैर शासकीय कार्य ऑनलाइन लिंक के आधारों पर चल रहे है जिसमें कम्प्यूटर सिस्टम के साथ बिजली की अति आवश्यकता होती है चाहे वह बैंक के कार्य हों या तहसील के या फिर पुलिस के हों या छात्रों की पढ़ाई के, बिजली कटौती की इस समस्या से सभी कार्य प्रभावित हुए पड़े हैं।
मुख्यालय पर नही रहते है अधिकारी:
विद्युत विभाग के अधिकारी मध्य प्रदेश शासन के नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं गैरतलब है कि शासन प्रशासन अधिकारियों और कर्मचारियों को मुख्यालय पर निवास करने लगातार आदेश जारी करता है किंतु यहाँ विद्युत विभाग के छोटे कर्मचारी तो निवास करते हैं लेकिन बड़े अधिकारी शासन की नीतियों को ठेंगा दिखा रहे है और सभी जबलपुर में निवासरत हैं, यहां मात्र हाजरी लगाने के लिए ही उपस्थित होते हैं। जेई दर्शिका दंभरे हों या एई लखेरे जी या फिर डीई विश्वकर्मा जी सभी जबलपुर से रोजाना अप एन्ड डाउन का खेल खेल रहें हैं।
अधिकारियों की निष्क्रियता से लोग परेशान:
आपको बता दें कि पाटन विद्युत मण्डल लगातार सुर्खियों में रहता आया है कभी ताश के खेल में तो कभी अपनी सेवाओं के क्षेत्र में तो कभी बिजली बसूली के क्षेत्र में, जिसका मुख्य कारण है अधिकारियों की उदासीनता, किसानों के अनुसार विद्युत मंडल पाटन बिजली बसूली में तो इतना आगे है कि खेत का बिल बकाया होने के कारण शासन के नियमों को ताक पर रख कर किसानों के घर की बिजली काट दी गई, किंतु बिजली आपूर्ति के क्षेत्र में सुविधाओं का टोटा दूर नही पाते हैं दिन हो रात बिजली गुल का खेल चालू रहता है इस ओर न डीई, न जेई और न ऐई किसी का ध्यान केंद्रित नही होता है।