पहली पेशी में ही बेटियों को दिलाया उनका हक
एसडीएम सिहोरा ने पिता की जमीन में दिलाई हिस्सेदारी
एसडीएम सिहोरा ने फौती नामांतरण के एक मामले में पहली पेशी में ही तहसीलदार न्यायालय के आदेश को पलटकर दो सगी बहनों को स्वर्गीय पिता की भूमि पर उनका हक दिलाकर नजीर पेश की है।
जबलपुर/ब्यूरो
प्रकरण के बारे में एसडीएम सिहोरा आशीष पाण्डे ने जानकारी देते हुये बताया कि सोनेलाल की मृत्यु हो गई थी। उसके पुत्र गुड्डु ने धोखा देकर और अपने आप को स्वर्गीय सोनेलाल का एक मात्र वारिस बताकर ग्राम कछपुरा स्थित खसरा नम्बर 501/1 की 0.29 हेक्टेयर भूमि अकेले अपने नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज करवा ली थी। श्री पाण्डे ने बताया कि नामांतरण अधिकारी तहसीलदार न्यायालय के गुड्डु का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज कराने के आदेश से व्यथित होकर स्व. सोनेलाल की पुत्रियों श्रीमती रामबाई एवं पूनाबाई ने उनके न्यायालय में अपील की।
श्री पाण्डे ने बताया कि प्रकरण में दोनों पक्षों को बुलाकर उन्हे सुनवाई को मौका दिया गया। सुनवाई के दौरान पाया गया कि तहसीलदार न्यायालय द्वारा फौती उठाने का विवादित आदेश पारित करने के पूर्व दोनों बहनों को उनका पक्ष जानने लिखित सूचना दिया जाना चाहिये थी जो नहीं दी गई। इस वजह से वे न्याय पाने से वंचित रह गईं। उन्होंने बताया कि रामबाई और पूनाबाई दोनों आपस में सगी बहने है कानून के तहत फौती उठाकर सोनेलाल के स्थान पर अपीलार्थी रामबाई एवं पूनाबाई का नाम भी शामिल शरीक राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया किया जाना चाहिये था।
एसडीएम सिहोरा के अनुसार प्रकरण में सुनवाई के बाद तहसीलदार न्यायालय के आदेश को रद्द कर मृतक सोनेलाल की मौजा कछपुरा स्थित भूमि पर सभी विविक बारसान पुत्र गुड्डु तथा दोनों पुत्रियों रामबाई एवं पूनाबाई का नाम भू-अभिलेख में दर्ज करने के आदेश दिये गये। आदेश की प्रति मौके पर मौजूद दोनों बहनों रामबाई और पूनाबाई को भी सौंपी गई।