32.8 C
Madhya Pradesh
April 30, 2024
Bundeli Khabar
Home » कैसी होगी आपकी राशि पर मकर संक्रांति: राशिफल
धर्म

कैसी होगी आपकी राशि पर मकर संक्रांति: राशिफल

सूर्य का मकर राशि में गोचर
 सूर्य देव 14 जनवरी 2022 को धनु राशि से मकर राशि में गोचर करेंगे । इसी दिन मकर संक्रांति का त्यौहार भी मनाया जाएगा। सूर्य देव उत्तरायण होंगे और दिन का बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा। मकर राशि में वर्तमान में शनि और बुध पहले से विराजमान है । सूर्य का 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश हो रहा है । जिसके कारण 16 जनवरी से 31 जनवरी तक बुध अस्त रहेगा । इसके अलावा 24 जनवरी से 27 फरवरी तक शनिदेव भी अस्त रहेंगे । इस प्रकार से 16 जनवरी से 30 जून तक बुध का प्रभाव कम रहेगा और 24 जनवरी से 27 फरवरी तक शनिदेव के प्रभाव में कमी आएगी। 

14 जनवरी का मुहूर्त
मकर संक्रांति का क्षण या सूर्य का मकर राशि में प्रवेश: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट पर मकर संक्रांति का पुण्य काल: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 05 बजकर 45 मिनट तक मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल: दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से शाम 04 बजकर 28 मिनट तक।

सूर्य के इस गोचर का विभिन्न राशियों का प्रभाव क्या होगा

मेष राशि के जातकों का प्रभाव:- मेष राशि की कुंडली में सूर्य पांचवे भाव का स्वामी होता है। पंचम भाव से जातक के पुत्र और शिक्षा की विवेचना की जाती । वर्तमान में सूर्य के मकर राशि में पहुंचने पर वह मेष राशि के दशम भाव में होगा जहां का वह कारक भी है। यहां पर यह अपने शत्रु राशि में है अतः कमजोर रहेगा परंतु कारक भाव में रहने के कारण अच्छे फल देगा । इस प्रकार मेष राशि के जातकों को राज्य की तरफ से हर प्रकार के लाभ मिल सकते हैं । शिक्षा के संबंध में अच्छे फल प्राप्त होने की उम्मीद कम है। उपाय :-किसी मंदिर में रविवार के दिन तिल का दान दे। 

वृष राशि के जातकों पर प्रभाव:- वृष राशि के जातकों की कुंडली के गोचर में सूर्य नवम भाव में रहेंगे तथा चतुर्थ भाव के स्वामी होंगे । नवम भाव में होने के कारण लंबी यात्रा का योग बन सकता है । चतुर्थ भाव में होने के कारण जातक के सुख में कमी आएगी । इस प्रकार हम कह सकते हैं इस अवधि में वृष राशि के जातकों को लंबी यात्रा करनी पड़ेगी । और यात्रा के दौरान हमको परेशानियां भी हो सकती हैं। उपाय:- भगवान सूर्य को प्रातः काल मंत्रों के साथ विधिवत जल अर्पण करें।

मिथुन राशि के जातकों पर प्रभाव –पर सूर्य अष्टम भाव में रहेंगे जो कि मृत्यु का भाव है तथा तृतीय भाव के स्वामी होंगे । अष्टम भाव में क्रूर ग्रह अच्छे माने जाते हैं । इस प्रकार इस अवधि में मिथुन राशि के जातकों को सतर्क रहना चाहिए । जिससे कि किसी भी प्रकार के दुर्घटना से वह बच सकें । मिथुन राशि वालों को व्यर्थ के बाद विवाद से भी बचना चाहिए ।अन्यथा उनको बाद विवाद से नुकसान हो सकता है। उपाय:-आपको चाहिए कि आप सूर्याष्टकम का पाठ करें । 
 कर्क राशि जातकों पर प्रभाव – कर्क राशि के जातकों के कुंडली के गोचर में इस अवधि में सूर्य सप्तम भाव में रहेंगे और द्वितीय भाव के स्वामी रहेंगे । शनि के अस्त होने की अवधि में अगर आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य खराब है तो वह ठीक होने लगेगा । इसके अलावा व्यापार में आपको परेशानी आ सकती है ।तथा धन की आवक में कमी आएगी। उपाय:-सफेद रंग के अकौआ के पेड़ पर रविवार को प्रातः काल जल अर्पण करें।

सिंह राशि के जातकों पर प्रभाव-  सिंह राशि के स्वामी सूर्य स्वयं होते हैं। इस अवधि में सूर्य आप के छठे भाव में रहेंगे था लग्न के स्वामी होंगे। आपके शत्रु को इस समय नुकसान होगा परंतु नए शत्रु बनेंगे । आपका स्वास्थ्य इस अवधि में ठीक रहेगा। उपाय:-आपको चाहिए कि आप रविवार को गुड़ की मिठाई गरीबों को बांटे।
 कन्या राशि के जातकों पर प्रभाव- कन्या राशि के जातकों की कुंडली के गोचर में सूर्य इस समय पंचम भाव में रहेंगे तथा द्वादश भाव के स्वामी होंगे सूर्य पंचम भाव में होने पर इनकी दृष्टि एकादश भाव पर होगी और यह धन-धान्य में वृद्धि करेंगे । इस प्रकार कन्या राशि वालों के लिए सूर्य का प्रभाव उत्तम रहेगा। उपाय:-अपने माता पिता के प्रतिदिन चरण स्पर्श करें। 

तुला राशि के जातकों पर प्रभाव– तुला राशि के जातकों के कुंडली के गोचर में इस अवधि में सूर्य चतुर्थ भाव में रहेगा । यहां पर यह माताजी को कष्ट देगा । जातक को अपने कार्यालय में प्रमोशन भी दे सकता है । तुला राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य एकादश भाव का स्वामी होता है । इस कारण यह धन दिलाने में कम मदद कर पायेगा । उपाय:-आप माणिक्य पहनना चाहिए। 
 ~वृश्चिक~ राशि के जातकों पर प्रभाव- राशि के जातकों के कुंडली के गोचर में इस अवधि में सूर्य तृतीय भाव में रहेगा । जिसके कारण आपके भाई बहनों को कष्ट होगा । भाग्य से आपको अच्छी मदद मिलेगी । यहां पर यह राज्य भाव का स्वामी होता है अतः राज्य में भी आपको उन्नति दिलाएगा । उपाय:-आपको विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए।
 
धनु राशि के जातकों पर प्रभाव- इस अवधि में सूर्य आपके द्वितीय भाव में रहेगा । जहां पर यह आपको धन दिलाने का कार्य करेगा। शत्रु की राशि में होने के कारण यह आपको अधिक धन नहीं दिला पाएगा। द्वितीय भाव के सूर्य की सीधी दृष्टि अष्टम भाव पर होगी । जिसके कारण आप एक्सीडेंट से बचोगे। भाग्य भाव का स्वामी होने के कारण आपको भाग्य से मदद मिलेगी। उपाय:-आपको आदित्य हृदय स्त्रोत का जाप करना चाहिए। मकर राशि के जातकों पर प्रभाव- लग्न में शत्रु राशि का सूर्य आपके स्वास्थ्य को खराब करेगा । आपको इस अवधि में मानसिक कष्ट हो सकता है । आपके जीवन साथी का स्वास्थ्य इस अवधि में ठीक रहेगा ।आपकी कुंडली में सूर्य अष्टम भाव का स्वामी है अतः इसके कारण आप दुर्घटनाओं से बचेंगे। उपाय:- आप को गरीब लोगों के बीच तिल और लड्डू का दान करना चाहिए।

कुंभ राशि के जातकों पर प्रभाव –  द्वादश भाव में शत्रु भाव का सूर्य आप के लिए लाभदायक होगा । कचहरी के कार्यों में आपको सफलता मिल सकती है । शत्रु आपको थोड़ा परेशान करेंगे । मगर अगर आप प्रयास करेंगे तो आपके शत्रु आप से हार जाएंगे । आपकी कुंडली में सूर्य सप्तम भाव के स्वामी हैं । आपके जीवन साथी को सूर्य के कारण विभिन्न सफलताएं प्राप्त होंगी । उपाय:-आपको विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करना चाहिए। 

मीन राशि के जातकों पर प्रभाव –  मीन राशि के जातकों की कुंडली के गोचर में सूर्य इस अवधि में एकादश भाव में रहेंगे । इसके कारण मीन राशि के जातकों को धन प्राप्ति होगी । शिक्षा के क्षेत्र में भी आपकी उन्नति होगी । आपके पुत्र पुत्री आपसे विशेष सहयोग करेंगे । आपकी कुंडली में सूर्य छठे भाव के स्वामी होते हैं । सूर्य को औषधियों का संरक्षक भी माना जाता है अतः रोग में भी आपको सूर्य के कारण लाभ प्राप्त होगा। उपाय:-आप को हनुमान जी को या देवी जी को गुड़ का प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

Related posts

पंचकल्याणक की तैयारियों का कलेक्टर और एसपी ने लिया जायजा

Bundeli Khabar

जानिए कौन-कौन सी होती हैं 84 लाख योनियाँ

Bundeli Khabar

राजा भर्तृहरि

Bundeli Khabar

Leave a Comment

error: Content is protected !!