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May 19, 2024
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उदित नारायण देश की धरोहर हैं, पद्मश्री व पद्म भूषण के बाद उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाये : मुकेश मासूम

संतोष साहू,

मुंबई। 30 भाषाओं में 15000 से ज्यादा गीत गाकर संगीत प्रेमियों के दिल पर राज करने वाले उदित नारायण की महानता के किस्से जोरों पर हैं। फिल्म जगत में हर तरफ जिस शख्स की चर्चा है, उनका नाम उदित नारायण है। उदित नारायण सिर्फ सुरीली और जादुई आवाज के बादशाह ही नहीं हैं बल्कि एक खुबसूरत दिल के मालिक भी हैं। यह नजारा हाल ही में ‘प्रेमांजलि’ फिल्म की गीत रिकॉर्डिंग के अवसर पर देखने को मिला। जब उन्होंने निर्माता से मित्रता का संदर्भ देकर अपनी फीस लेने से इंकार कर दिया। इस महानता और सह्रदयता के चर्चे अब हर तरफ गूंज रहे हैं। साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार मुकेश मासूम ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि उदित नारायण देश की धरोहर हैं, पद्मश्री व पद्म भूषण से सम्मानित किये जाने के बाद उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाये।

गौरतलब है कि उदित नारायण का हिट गाना ‘टिप टिप बरसा पानी’ फिर से हिट हो गया है। उदित नारायण का जन्म 01 दिसंबर,1955 को बिहार के सुपौल जिले के बसई गांव में हुआ था। उदित नारायण का पूरा नाम उदित नारायण झा है। उनके पिता का नाम हरे किशना झा और मां का नाम भुवनेश्वरी झा था। उदित नारायण की स्कूली शिक्षा पी.बी. स्कूल, राजबिराज से पूरी हुई जो नेपाल में स्थित है। इसके बाद उन्होंने रेडियो नेपाल में मैथिली और नेपाली लोक गाने गाकर अपने कैरियर की शुरूआत की।

उन्होंने अपने फिल्मी कैरियर की शुरूआत नेपाली फिल्म “सिंदुर” से की। इस फिल्म में उन्होंने पार्श्वगायिकी की। साल 1978 में वह मुंबई आ गए। 1980 में उन्हें पहली बार किसी फिल्म में गाने का मौका मिला। फिल्म “उन्नीस बीस” में उन्होंने पहली बार हिन्दी फिल्म में गाना गाया। इसके बाद उन्होंने बड़े दिल वाला, तन-बदन आदि फिल्मों में गाना गाया। लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा सफलता मिली सुपरहिट फिल्म “कयामत से कयामत तक” के गीतों के द्वारा। इस फिल्म में उन्होंने “पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा…” जैसे गाने को अपनी आवाज दी। इस गाने के लिए उन्हें पहली बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड मिला। इसके बाद तो वह हिन्दी सिनेमा के प्रतिष्ठित पार्श्वगायकों में गिने जाने लगे। उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, जगजीत सिंह, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया. उदित नारायण ने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए.

1985 में कुसुमे रुमाल और पिरती। 2004 में उन्होंने अपना पहला नेपाली एल्बम ‘उपहार’ रिलीज़ किया, जिसमे उन्होंने बहुत से गाने अपनी पत्नी दीपा झा के साथ भी गाए थे। नारायण के बहुत से एकल एल्बम भी है जैसे कि भजन संगम, भजन वाटिका, आय लव यू, दिल दीवाना, यह दोस्ती, लव इज लाइफ, जानम, झुमका दे झुमका, सोना नो घडुलो, धूलि गंगा और माँ तारिणी। उदित नारायण की जादू भरी आवाज ने उन्हें तीन बार नेशनल अवार्ड का खिताब दिलाया है। उन्हें सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का राष्ट्रीय पुरस्कार तीन बार मिला है जिसमें साल 2002 में फिल्म ‘लगान’ के गाने ‘मितवा’ दूसरी बार फिल्म ‘जिंदगी खूबसूरत है’ के गाने ‘छोटे-छोटे सपने’ और तीसरी बार फिल्म ‘स्वदेश’ के गाने ‘ये तारा वो तारा’ के लिए उन्हें यह खिताब दिया गया। इसके साथ ही उन्हें पांच बार सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक का फिल्मफेयर अवार्ड भी दिया गया है। उन्हें यह अवार्ड फिल्म ‘कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान’ जैसे सुपरहिट फिल्मों के लिए मिले। साथ ही उनकी झोली में और भी कई पुरस्कार शामिल हैं। नारायण ने गाया हुआ ताल फिल्म के गाने ‘ताल से ताल मिला’ को देसी मार्टीनी, हिन्दुस्तानी टाइम्स और फीवर 104 द्वारा आयोजित पोल में “दशक का सबसे प्रसिद्ध गाना” घोषित किया गया। भारत और विदेशो में नारायण ने बहुत से स्टेज शो भी किये है और इसके लिये उन्हें बहुत से अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। उनका गीत अधिकतर लोगो को पसंद है। उनके स्वर में जादू है। वे किशोर अवस्था से ही गायन कला के क्षेत्र में लग गये थे जो कि आज इस मुकाम पर है। आज भी बॉलीवुड में उन्हें एक बेहतर गायक माना जाता।

उन्होंने मशहूर संगीतकारों जैसे ए. आर. रहमान, आर. डी. बर्मन, नदीम श्रवण, आनंद मिलिंद, विशाल भारद्वाज आदि के साथ काम किया। उदित नारायण ने कयामत से कयामत तक, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, राजा हिंदुस्तानी, हम दिल दे चुके सनम, लगान, स्वदेश जैसी कई हिट फिल्मों के लिए गाने गाए। उदित अब तक 30 भाषाओं में करीब 15 हजार गाने गा चुके हैं। उन्होंने अपने टीवी करियर की शुरुआत इंडियन आइडल सीजन-3 से की थी। इस सीजन में उनके साथ शो में अनु मलिक और अलीशा चिनॉय भी नजर आई थीं। उसके बाद सोनी टीवी के वॉर परिवार में जज के तौर पर नजर आ चुके हैं। उदित नारायण एक प्रख्यात गायक के रूप में जाने जाते हैं नेपाल में और भारत में भी।
उदित नारायण की कामयाबी का सुरीला सफर आज भी जारी है। आमिर खान, शाहरुख खान, सलमान खान, अजय देवगन, अक्षय कुमार या फिर रितिक रोशन। और हाल‌ ही में फिल्म प्रेमांजलि में डेब्यू हीरो संगीत मासूम के लिये बेहतरीन गीत रिकॉर्ड किया है। यह कहना गलत न होगा कि सभी ने उदित नारायण की आवाज के साथ कामयाबी की सीढियां चढ़ी हैं। उदित अपनी मीठी आवाज को कुदरत की देन समझते हैं।

क्योंकि आवाज ऐसी चीज है जो एक तोहफे के तौर पर मिलती है। जब तक ईश्वर का वरदान नहीं होगा तो आवाज बहुत खूबसूरत नहीं हो सकती है. उसके बाद आपकी मेहनत, भाग्य, ईमानदारी, संयम और आपके चाहने वालों की दुआएं हैं। किसी भी कलाकार को मिली कामयाबी में इन सभी बातों का योगदान होता है. 2009 में भारत सरकार ने उदित नारायण को पद्मश्री और 2016 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म भुषण अवार्ड से सम्मानित किया था। अब उनको पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की मांग जोर पकड़ रही है। फिल्म निर्माता कैलाश मासूम का कहना है कि उदित नारायण को पद्म विभूषण से सम्मानित करना चाहिए। उदित नारायण इस देश के अनमोल रतन हैं।

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