मोती नगर चौराहे से शुरू होकर महार रेजिमेंट तक शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरेगी स्वर्णिम विजय मशाल
सागर / ब्यूरो
1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत के 50 वर्ष पूर्ण होने पर पूरा देश इस यादगार जीत को स्वर्णिम विजय वर्ष के रूप में मना रहा है। 1971 में भारतीय सेना की पाकिस्तान पर इस यादगार जीत को अब तक की सबसे निर्णायक और ऐतिहासिक जीत माना जाता है। भारतीय सैनिकों के अभूतपूर्व योगदान को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए नई दिल्ली से देश की चारों दिशाओं में स्वर्ण विजय मशाल भेजी गई थीं। दक्षिण दिशा की स्वर्णिम विजय मशाल नासिक से चलकर 21 नवंबर को सागर पहुंचेगी और यहां 28 नवंबर 2021 तक रहेगी।
21 नवंबर को यह स्वर्णिम विजय ज्योति सागर आगमन पर मोती नगर चौराहे से शुरू होकर महार रेजिमेंट तक शहर के विभिन्न मार्गो से होकर गुजरेगी।
सर्वप्रथम स्वर्णिम विजय मशाल का पुलिस प्रशासन द्वारा लहदरा नाका पर ससम्मान स्वागत किया जाएगा। इसके पश्चात मोती नगर चौराहे से स्वर्णिम विजय वर्ष की विजय पताका लहराते हुए शोभा यात्रा शुरू होकर राहतगढ़ बस स्टैंड, विजय टॉकीज, जामिया मस्जिद, तीन बत्ती, परकोटा, खेल परिसर, पीली कोठी, सिविल लाइंस, मंदिर मार्ग रोड, परेड मंदिर से होती हुई महार रेजीमेंट केंद्र पहुंचेगी। दीपक आर्य ने कहा कि सागर वासियों के लिए यह एक गौरव का क्षण है जब ऐतिहासिक जीत को बयां करती विजय मशाल सागर के नागरिकों के बीच रहेगी और भारतीय सशस्त्र बल द्वारा दर्ज की गई उस अभूतपूर्व जीत को बयां करेगी। उन्होंने सभी जिले वासियों से अपील की है कि, वे इस स्वर्णिम विजय मशाल का पूरे जोश और उत्साह के साथ स्वागत करें।