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May 13, 2024
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महाराष्ट्र

समाजसेवी देवेंद्र सिंह सैनी को पितृ शोक, उनके पिता की 108 बरस की उम्र में निधन

संतोष साहू/महाराष्ट्र,

मुम्बई : कुशल समाज सेवी देवेंद्र सिंह सैनी को पितृ शोक हुआ है। 3 नवम्बर 2021 को उनके पिता महेंद्र सिंह सैनी (108 वर्षीय) ने मीरा रोड स्थित उनके निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। पिता की मृत्यु से पूरा परिवार शोकाकुल है। स्वर्गीय सैनी 95 वर्षीय अपनी पत्नी सहित बेटे बेटियों का भरा पूरा परिवार अपने पीछे छोड़ गए हैं। 7 नवम्बर 2021 को अपराहन्न 12 बजे से मीरारोड स्थित गुरुद्वारे में उनकी आत्मा की शांति के लिए भजन कीर्तन एवं प्राथना के साथ ही गुरु लंगर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में परिजनों सहित देवेंद्र सिंह सैनी के इष्टमित्र उपस्थित होकर मृतक आत्मा की शान्ति के लिए प्राथना किये।
समाज सेवी देवेंद्र सिंह सैनी के पिता महेंद्र सिंह सैनी (108 वर्षीय) के दो भाई व चार बहनों का परिवार था। जिसमें उनकी एक बहन जीवित है। महेंद्र सिंह सैनी का जन्म 1915 में पंजाब के गुरुदास पुर में हुआ था। सैनी अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उर्दू के शिक्षक थे। बाद में अध्यापक पद से इस्तीफा देने के बाद खेती किसानी में अपना जीवन व्यतीत किया। स्वर्गीय सैनी बचपन से लेकर अंतिम समय तक कभी भी अंग्रेजी दवाओं का सेवन नहीं किया और चलते फिरते 108 वर्ष हो जाने पर भी कोई सेवा नहीं करवाया। वे अपने गांव में 95 वर्ष की उम्र तक सायकिल चलाया करते थे, उन्हें सायकिल से बड़ा प्रेम था। पंजाब से मुंबई आने के बाद ही उनकी सायकिल छूटी। स्वर्गीय सैनी के दो बेटे और तीन बेटियां हैं, बड़े बेटे का नाम मनोहर सिंह और छोटे बेटे देवेंद्र सिंह जो एक अच्छे समाज सेवक हैं। दोनों भाइयों ने अपने जीवन में कठिन परिश्रम करके उद्योग जगत में अपना स्थान कायम किया है। दोनों भाइयों के पास अपनी अपनी फैक्ट्री है। स्वर्गीय सैनी के बेटे बेटियों के बीच 24 लोगों का भरा पूरा परिवार है। स्वर्गीय सैनी की 95 वर्षीय पत्नी अपने बच्चों के साथ रहती हैं। स्वर्गीय सैनी की आत्मा की शांति के लिए मीरारोड गुरुद्वारे में भजन, कीर्तन, प्रार्थना का आयोजन किया गया और लंगर की व्यवस्था की गई जिसमें बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए। सैनी के छोटे बेटे देवेंद्र सिंह सैनी की ओर से गुरुद्वारे में 21 हजार रुपए का दान दिया गया। स्वर्गीय सैनी की आत्मा शांति के लिए बेटे द्वारा उनके पैतृक स्थान पंजाब के गुरदासपुर में अंतिम रस्म पूरी की जाएगी।

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