जबलपुर/ब्यूरो
करोड़ों रूपये की सरकारी जमीन शासकीय अभिलेख में निजी व्यक्ति के नाम दर्ज किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. जिसमें आरोप लगाया गया है कि निजी व्यक्ति प्लॉटिंग के लिए उक्त शासकीय जमीन को बेच रहे हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक तथा जस्टिस व्ही के शुक्ला की युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर इस मामले में जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता हरि सिंह परिहार की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि छतरपुर के सौरा ग्राम स्थित साढे छ एकड सरकारी जमीन श्रीमति शांति बाई के नाम पर साल 2017 में शासकीय अभिलेखों में दर्ज कर दी गयी. जिसके सरकार को करोड़ों रूपये की राजस्व हानि हुई है. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने कलेक्टर और लोकायुक्त से शिकायत की थी लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई जिसके बाद याचिककर्ता ने अदालत का रुख किया है।
जबलपुर हाई कोर्ट ने शासकीय भूमि को निजी व्यक्ति की नाम दर्ज किए जाने के मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दूसरे मामले में प्रदेश में खाली पड़े ड्रग इंस्पेक्टरों के पद भरे जाने के मामले में राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है. वहीं ग्वालियर बेंच में एक अजीबी गरीब मामला सामने आया है जिसमें एक पत्नी ने अपने पति को नौकरी से हटाए जाने को लेकर याचिका लगाई है।