जबलपुर / ब्यूरो
महाराज का निधन हुआ, तुरंत ही उनकी संपत्ति पर विवाद शुरू हो गया, महाराज की एक शिष्या विभा नंद ने खुद को महाराज का उत्तराधिकारी घोषित कर दिया और पूरी संपत्ति पर अपना अधिकार जता दिया, विभा नंद लंबे समय से स्वामी प्रज्ञानंद महाराज के साथ थी और उसका दावा है कि स्वामी जी ने खुद इस बात की घोषणा की थी कि उनके बाद मिशन की जिम्मेदारी विभा नंद देखेंगी, इसी बीच स्वामी प्रज्ञानंद महाराज की भतीजी ऋचा सिंह सामने आई और उसने एक वसीयत पेश की, जिसमें वह बता रही है कि स्वामी प्रज्ञानंद महाराज ने मृत्यु के पहले प्रज्ञा मिशन के ट्रस्ट में उन्हें ट्रस्टी बना दिया था और जिस जमीन को विभा नंद गिरी प्रज्ञा धाम की संपत्ति बता रही हैं, वह दरअसल उनकी पुश्तैनी जायदाद है, जिसे प्रज्ञानंद महाराज के भाइयों ने दान किया था. हालांकि, इस जमीन के अलावा भी बहुत सारी संपत्ति मिशन के नाम पर है और हो सकता है कि बैंकों में पैसा भी जमा हो.फिलहाल ये मामला लड़ाई झगड़े तक पहुंच गया है, आश्रम में पुलिस पहुंच चुकी है।
विभा नंद गिरी ने प्रज्ञानंद महाराज के भाइयों को आश्रम से निकाल दिया है और आश्रम पर कब्जा कर लिया है, ऋचा सिंह का कहना है कि यदि उन्हें उनकी पुश्तैनी संपत्ति और ट्रस्टी होने के नाते प्रज्ञा मिशन की संपत्ति नहीं मिली तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी. संन्यासी की अवधारणा दुनिया के किसी धर्म में नहीं है, संन्यासी सब कुछ छोड़कर संन्यास लेता है और आजकल उल्टा ही हो रहा है, जिसके पास कुछ नहीं होता, वह संन्यासी बन जाता है और अपने पीछे करोड़ों रुपए की संपत्ति छोड़कर विवाद छोड़ जाता है।