आपरेशन के बाद होश में आते ही बोल उठी
दमोह / ब्यूरो
जिला अस्पताल में पदस्थ नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ विशाल शुक्ला ने एक बार फिर एक मासूम बच्ची की जान बचाई। आज सुबह जिला अस्पताल की ओ टी में डॉक्टर्स की टीम ने एक बच्ची को आपरेशन हेतु लिया। बच्ची को अनास्थेसिया देने का काम सिविल सर्जन डॉ ममता तिमोरी की देख रेख में नवागंतुक एनेस्थेटिस्ट डॉ अश्विनी पटेल ने किया। अनास्थेसिया का प्रभाव होते ही नाक कान गला रोग विशेषज्ञ ने लेरिंगोगोस्कोपी की और सिक्के को बिना चीर फाड़ किये बाहर निकाल दिया।आपरेशन के बाद बच्ची पूर्णतः स्वस्थ्य है, अच्छे से खा पी पा रही है।
बच्ची का नाम किरण रजक उम्र 10 वर्ष है, यह ग्राम चंदेना मड़ियादो की निवासी है, बच्ची ने खेल-खेल में एक 10 का सिक्का निगल लिया था, जो गले के अंदर जाकर अटक गया था, सिक्का खाने की नली के ऊपरी भाग में अटका था, इसलिये बच्ची कुछ खा नही पा रही थी, कुछ भी खाने की कोशिश में उल्टी होने लगती थी। स्थिति गम्भीर थी, डॉक्टर ने उसे समझा, स्थिति के बारे में घरवालों को समझाया और गले के xray करवाये, xray में गले मे अटका सिक्का स्पष्ट रूप से दिख रहा था। अस्पताल की इस टीम में डॉक्टर्स के साथ स्टॉफ नर्स लता पंचशील और दीप्ति एवं ओटी तकनीशियन महेंद्र भी सक्रिय भागीदार रहे।

बच्ची ने आपरेशन के बाद होश में आते ही डॉ शुक्ला को कहा थैंक्यू सर
डॉ विशाल शुक्ला इस सम्बंध में बताया बच्ची तकलीफ में थी, हमारा कर्तव्य था, उसकी तकलीफ को दूर करना और वही हमने किया। बच्ची ने होश में आते ही सबसे पहले मेरी ओर देखकर थैंक्यू कहा, वह सबसे अच्छा अनुभव रहा। डॉ शुक्ला ने सभी माता पिता जिनके बच्चे छोटे हैं सलाह देते हुए कहा कि अक्सर खेल खेल में बच्चे ऐसी चीज़ें निगल जाते है, उसके लिये घबराएं नही, ज्यदातर ऐसी वस्तुएं विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा निकाली जा सकती है, किन्तु फिर भी हर आपरेशन के अपने खतरे होते है, इसलिये ज्यादा सतर्क और सावधान रहें, जिससे इस तरह की घटनाओं को टाला जा सके।