मंगलेश कुमार/उत्तरप्रदेश
प्रतापगढ : पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को आज जिस तरह से पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया ओ बहुत ही सर्मनाक है अमिताभ ठाकुर को जिस तरह से पुलिस द्वारा उठाया गया है और ओ जिस तरह से एफआईआर कॉपी मांग रहे हैं और जबरिया अपने उठाए जाने का विरोध कर रहे थे ये सत्ता के मद और कानून के शासन के दुरुपयोग का दुर्लभ उदाहरण है
इस गिरफ्तारी में संविधान में वर्णित मूल अधिकार अनुच्छेद 20 वा 21 सीधा उल्लंघन है।
इस तरह की अराजकता लोकतंत्र के मुंह पर तमाचा है और धूमिल जी की कविता सांसद से सड़क तक को चरितार्थ करती है
लोकतंत्र को लाठी में लटकाए |
चले जा रहे सीना फुलाए |
वरना आम आदमी को इसका मलाल क्यों है|
जो सच कह दिया उसका बुरा हाल क्यो है|
पुलिस के इस कृत्य की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है की किसी पूर्व आईपीएस अधिकारी को गठरी की तरह गाड़ी में लादा जाय।