महाराष्ट्र / ब्यूरो
मुंबई : अचानक नींद से जागे महाराष्ट्र हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों ने मालाड पश्चिम के एमएचबी कॉलोनी( महाराष्ट्र हाउसिंग बोर्ड ) कॉलोनी वासियों को तुगलकी फरमान जारी किया है। फरमान में कहा गया है कि 2010 से जुलाई 2021तक का 3000 रुपए प्रति माह की दर व पेनल्टी के साथ एक मुस्त किराया अदा करें। अदायगी के लिए कुल 1 माह का समय दिया गया है।इससे लाकडाउन की विभीषिका से उबरने के प्रयास में लगे कॉलोनी वासियों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है।नई परिस्थिति से स्तब्ध कालोनी वासियों ने रविवार को आपात बैठक का आयोजन किया। जिसमें तुगलकी फरमान के खिलाफ संघर्ष करने का एक मत से फैसला लिया गया। यह जानकारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष फिरोज शेख ने दी है।
फिरोज शेख के मुताबिक एमएचबी कॉलोनी का निर्माण 1970 में किया गया था।कॉलोनी में 376 मकान हैं। म्हाडा के रिपेयरिंग बोर्ड ने मुंबई की पुरानी इमारतों के निवासियों को लाकर यहां बसाया था। उस समय प्रतिमाह 21 रुपए किराया तय किया गया था।दो दशक बाद किराए बढ़ोतरी करके 174 रुपए प्रतिमाह किया गया। वर्ष 2010 में एक बार फिर से किराया बढ़ाने की बात चली। बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह तय किया गया। लोग इसी दर से किराया अदा करते आ रहे हैं।अब जुलाई में जो बिल सब को प्राप्त हुए हैं।देखकर सबके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई है। 01-07- 2021 दिनांक डालकर रूम नंबर टी सी 117 ए के नाम है जो बिल भेजा गया है उसमे ₹3000 प्रति माह की दर से 2010 से जुलाई 2021 तक का बकाया किराया 4लाख 50हजार बताया गया है। इसमें इसी अवधि की 4 लाख ,13 हजार 100 रुपए पेनल्टी जोड़ी गई है। इस तरह कुल 8लाख 21हजार एक सौ रुपए 31जुलाई 20210 तक अदा करने के लिए कहा गया है । फ़ीरोज़ शेख के अनुसार करीब करीब इसी तरह के बिल कालोनी के अन्य लोगों को भी मिले हैं। शेख के अनुसार करीब करीब इसी तरह के बल कालोनी के अन्य लोग भी शामिल थे। शेख केअनुसार इस संबंध में म्हाडा के अधिकारी से बात कि गई। उनका यह कहना है कि वर्ष २०१० मे हि ३००० रुपए प्रतिमाह किराया तय किया गया था। ५०० रुपए लिया जरूर गया है पर २५०० रुपए बकाया छूटता आया है। अब वही जोड़कर बिल भेजा गया है। फिरोज शेख के मुताबिक दो दौर के डाउन में हर परिवार प्रभावित हुआ हैं। काम धंधे चौपट हुए हैं । हजारों लोगों की नौकरियां जाती रही हैं। एसे में कोई कहा से इतनी बड़ी रकम लाएगा। रविवार को आपात बैठक की गई जिसमे एक मत से लोकतांत्रिक ढंग से इस तुगलकी फरमान का विराध करने का संकल्प लिया गया है।