महाराष्ट्र / प्रमोद कुमार
पुणे : पुणे जिले के भोर, वेल्हे और पुरंदर इन तीन तालुका के अपवाद को छोड़ दे तो अन्य दस तालुका को मिलाकर 42 गांवों में कोरोना संक्रमण की गति बढ़ी है। जिला परिषद् प्रशासन ने इन गांवों को हाई रिस्क गांव के रूप में घोषित किया है। इन गांवों में कोरोना पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त उपायों के साथ सर्वेक्षण, कोरोना टेस्टिंग पर अधिक जोर दिया जाएगा। इसके तहत इन गांवों में सख्त लॉकडाउन लगाने के निर्देश जिला परिषद् के सीईओ आयुष प्रसाद ने यहां के सरपंचों और ग्राम सेवकों को दिए है. मौजूदा समय में जिले में केवल 194 गांवों में कोरोना मरीज मिल रहे है। इसके अलावा अभी तक 600 से अधिक गांव कोरोना मुक्त हुए है। ग्रामीण क्षेत्रों में 607 गांवों में पिछले तीन सप्ताह से आज तक एक भी मरीज नहीं मिले है। इसलिए इन गांवों को कोरोना मुक्त गांव के रूप में जाना जाता है। कोरोना मुक्त गांवों में से सबसे अधिक 96% गांव खेड़ तालुका में है। जिला परिषद् के स्वास्थ्य विभाग दवारा किये गए सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है।
कोरोना के हाई रिस्क वाले गांवों में सबसे अधिक 10 गांव जुन्नर तालुका में है। शेष 32 गांवों में से दौंड और शिरूर तालुका के प्रत्येक के छह, इंदापुर तालुका के पांच, मावल के 4, आंबेगांव व खेड़ में से प्रत्येक के 3-3 मुलशी व बारामती में प्रत्येक के 2-2 और हवेली तालुका के एक गांव शामिल है। इन 42 गांवों में मोरगांव (तालुका – बारामती ), देऊलगांव गाड़ा, देऊलगांव राजे, केड़गांव, लिंगाली, वरवंड (सभी तालुका – दौंड ), बावडा, शेटफलगढे (दोनों तालुका – इंदापुर ), ढोलवड, डिंगोरे, पिंपरी पेंढार (तालुका – जुन्नर ), बिरदवडी खरपुड़, कोयाली (तालुका – खेड़ ), सालुम्ब्रे (तालुका – मावल ), मारुंजी, सुस (तालुका – मुलशी ), कवठे, केंदुर, कोरेगांव भीमा, पाबल, सादलगांव, सविंदने (तालुका – शिरूर ) आदि प्रमुख गांव शामिल है।
जिले के 31 गांवों में अब तक कोरोना एक एक भी मरीज नहीं मिले है। इन गांवों में कोरोना की पहली और दूसरी लहर को रोकने में सफलता मिली है।
इनमें खेड़ तालुका में सबसे अधिक 15, वेल्हे में 8, भोर व मुलशी तालुका में 3-3 और आंबेगांव व पुरंदर तालुका में एक-एक गांव शामिल है।