सागर / ब्यूरो
सागर जिले से न्याय के क्षेत्र में अपनी मिशाल कायम करने का उदाहरण सामने आया है जहां एक प्रकरण में दुष्कर्म पीड़िता ने अपने कथन बदल दिए किन्तु मा.न्यायालय ने कथन बदलने के बाद भी आरोपी को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया, जो अपने आप में एक अनूठी मिसाल है।
यह भी पढ़ें-आयुर्वेदिक समाधान: पेट मे पित्त संबंधी रोगों से निदान
जिले के सुरखी थाना क्षेत्र में जनवरी 2019 में एक 11 साल की बच्ची के साथ पड़ोसी युवक ने बलात्कार की घटना को अंजाम दिया था. मामले में पीड़िता के परिवार ने रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद आरोपी पक्ष से समझौता कर लिया था. माता पिता के दबाव में मासूम बच्ची ने अपने बयान भी बदल दिए थे. लेकिन प्रकरण की विवेचना के समय इकट्ठा किए गए साक्ष्य और डीएनए रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने आरोपी मनीष लोधी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पीड़ित पक्ष के बयान बदलने के बाद भी कोर्ट ने आरोपी को सजा दी।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि 11 साल की नाबालिग बच्ची ने माता-पिता के साथ थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. 14 जनवरी 2019 को पीड़िता दोपहर करीब 1.30 बजे आरोपी मनीष लोधी के घर खेलने गई थी. इस दौरान किसी के नहीं होने पर आरोपी ने पीड़िता को अंदर वाले कमरे में बुलाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया।
आरोपी ने बच्ची को धमकी भी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार दूंगा. घटना के बारे में पीड़िता ने घर आकर अपने माता-पिता को बताया. जिसके बाद आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. विवेचना में पीड़िता की एमएलसी और डीएनए जांच कराई गई. पीड़िता के नाबालिग संबधित आयु दस्तावेज प्रस्तुत किए गए. जांच के दौरान मामले से जुड़े जरूरी साक्ष्य इकट्ठा किए गए. आरोपी का भी डीएनए परीक्षण कराया गया था।
न्यायालय ने प्रकरण के तथ्य, परिस्थितियां और अपराध की गंभीरता को देखते हुए और अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी मनीष लोधी को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा और 500 रुपए का अर्थदण्ड लगाया है।