जलने वाले ट्रांस्फार्मर की जिम्मेदारी तय हो
ओवरलोड की स्थिति नहीं बने
प्रत्येक लाइनमेन के कार्यों का आंकलन करें
छतरपुर/ब्यूरो
प्रदेश के सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा छतरपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने शनिवार 10 जुलाई को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने विद्युक विभाग की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जलने वाले ट्रांस्फार्मर की जिम्मेदारी तय हो ओवरलोड की स्थिति नहीं बने। प्रत्येक लाइनमेन के कार्यों का आंकलन करें। जिले में स्थापित ट्रांस्फार्मर में से कितने प्रतिशत ट्रांस्फार्मर जलने और लाइन खराब होने से तथा ओवरलोड होने की वजह से खराब होते है। इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है। इस व्यवस्था को व्यापक रूप से सुधार करने के संबंध में लीक से हटकर विचार करे और निचले स्तर पर जिम्मेदार लाइनमैन और जेई उनके आचरण एवं क्रिया और कारण को जानते-समझते हुए जिम्मेदार कर्मचारी-अधिकारी पर तुरंत प्रभावी कार्यवाही करें। बैठक में विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी, राजेश प्रजापति, कुंवर विक्रम सिंह, नीरज दीक्षित, पूर्व मंत्री श्रीमती ललिता यादव, बीजेपी जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, एडीएम सहित समिति के विधिमान्य सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में कोविड आपदा की आशंका के चलते तीसरी लहर की तैयारिया खरीफ फसलों की तैयारी एवं खाद बीज वितरण व्यवस्था, विद्युत विभाग, सहकारिता तथा उद्यानिकी विभागीय कार्यों की समीक्षा की। प्रभारी मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए कि कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर को रोकने के लिए टीकाकरण करने साथ-साथ डाइग्नोसिस केन्द्र को सुुदृढ़ बनाए।
इसी तरह मैदानी अंचलों में पदस्थ आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकताओं का घरों से जीवित सम्पर्क रहता है। कोरोना की तीसरी लहर की स्थिति निर्मित हो तो ऐसी स्थिति में नियंत्रण के लिए मैदानी स्वास्थ्य अमला इस आचरण एवं व्यवहार को अमल में लाएं जिससे संक्रमण को तुरंत रोका जा सके। जिसके लिए जैसे ही पता चले कि अमुक घर का अमुक व्यक्ति तीसरी लहर के कोरोना संक्रमण से पीड़ित है तो तुरंत प्रभावी नियंत्रण करें और प्रशासन को भी जानकारी दे ताकि कोरोना को उसी स्थान पर नियंत्रित किया जा सके। जिससे दूसरे व्यक्ति परिवार एवं समाज सुरक्षित रह सकें।
कृषि विभाग की समीक्षा में निर्देश दिए गए कि जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की फसलों में दाने नही निकल रहे है। उन क्षेत्रों की मिट्टी परीक्षण कराए और जिले की जलवायु के मानसे कृषकों को बुबाई के पूर्व जागरूक बनाते हुए उचित सलाह दी जाए। बैठक बताया गया कि नवाचार के तहत बिजावर एवं बक्स्वाहा क्षेत्र में स्वीट कोर्न की फसल बुबाई प्रस्तावित है। 15 जुलाई तक वर्षा होने की स्थिति में खरीफ सीजन में उड़द, तिल, मूंगफली की बुबाई हो सकेगी। सहकारिता विभाग की समीक्षा में जिले में बनाए जा रहे किसान क्रेडिट कार्ड की प्रगति पर प्रभारी मंत्री ने बधाई दी।