बिजावर/संववाददाता
बुंदेलखंड समेत पूरे प्रदेश में एक समय पर बिजावर वनक्षेत्र हरियाली और घने वनों के लिए प्रसिद्ध रहा है लेकिन बीते कुछ वर्षों से अधिकारियों की निष्क्रियता और वन माफियाओं के सक्रिय होने से वन परिक्षेत्र की छवि धूमिल हो गई है। इसी के चलते पिछले महीनों में जब कोरोना महामारी के चलते लोग अपने घरों में सुरक्षित थे और कोरोना कर्फ्यू मैं सभी को घरों में रहने की हिदायत दी जा रही थी उसी समय वन माफियाओं ने घने जंगलों को सफाया कर दिया। इसकी खबर होने के बाद भी अधिकारी बेखबर बने रहे। क्षेत्र में हालात यह है कि जहां पहले घने जंगलों के चलते दूर-दूर तक प्रसिद्ध दी थी वहां अब मैदान और ढूंठ दिखाई देने लगे हैं। इसके अलावा वन परीक्षेत्र मैं लगातार वन भूमि पर लगातार अवेध कब्जा होता जा रहा है। परिक्षेत्र के किशनगढ़ रोड बाजना रोड के जंगलों में माफियाओं ने वनों का सफाया कर दिया है। नगर से लगे जटाशंकर रोड से ही वनों की अवैध कटाई सबके सामने है। क्षेत्र में बहुमूल्य लकड़ी का दोहन लगातार चल रहा है और वन अधिकारी अपने कार्यालय में बैठकर वनों की रक्षा की औपचारिकताएं निभा रहे हैं। अधिकारियों की निष्क्रियता से वन संपदा का दोहन भी चरम पर है।
वनों की सुरक्षा की दृष्टि से परिक्षेत्र में एसडीओ, वन परिक्षेत्राधिकारी के अलावा 7 डिप्टी रेंजर और करीब 30 वीटों के प्रभारी वनरक्षक तैनात हैं लेकिन बावजूद इसके वन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि लगातार वनो का अवैध दोहन जारी है और वनों की सुरक्षा का जिम्मा निभाने वाले वन अधिकारी बेखबर बैठे हैं। इसी के चलते हरे भरे वनों के लिए प्रसिद्ध वन परीक्षेत्र बिजावर अपनी पहचान खोता जा रहा है और घने जंगल डूठों और मैदानों में तब्दील हो रहे हैं।
एके दीक्षित एसडीओ वन बिजावर- वन भूमि से अतिक्रमण हटाने और वनों की कटाई के संबंध में जांच की जा रही है समय-समय पर कार्रवाई भी की जा रही है। वनों को सुरक्षित रखने का पूरा प्रयास किया जाएगा।