गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों द्वारा प्रस्ताव समय पर प्रस्तुत करने के अभाव में अध्ययनरत बच्चों का अध्यापन निःशुल्क कराना होगा।
दमोह / भारती शर्मा
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति के संबंध में समय-सीमा 30 जून 2021 तक बढाई गई है, इसके उपरांत पोर्टल पर यह सुविधा बंद हो जावेगी ।
विकासखंड स्रोत समन्वयकों को निर्देशित किया गया है कि प्रायवेट स्कूलों को स्पष्ट अवगत करा दिया जाये कि यदि उनके द्वारा वर्ष 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति हेतु निर्धारित तिथि तक ऑनलाईन प्रपोजल तैयार कर प्रस्तुत नहीं किया गया तो वह प्रायवेट स्कूल सत्र की फीस प्रतिपूर्ति हेतु पात्र नहीं होगें। संबंधित प्रायवेट स्कूल को उस सत्र के प्रस्ताव समय पर प्रस्तुत करने के अभाव में अध्ययनरत बच्चों का अध्यापन निःशुल्क कराना होगा l
इसके अतिरिक्त पोर्टल से प्राप्त जानकारी अनुसार जिलों में फीस प्रतिपूर्ति के 2018-19 के प्रकरण भी निराकरण हेतु लंबित है, इन प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाये। नोडल स्तर पर एवं जिला स्तर पर प्राप्त वर्ष 2018-19 एवं वर्ष 2019-20 के प्राप्त सभी प्रस्तावों पर परीक्षण आदि की समस्त कार्यवाही प्रस्ताव प्राप्त होने के एक सप्ताह पूर्ण किया जाये । नोडल स्तर पर निर्धारित समयावधि में प्रकरण निराकरण ना होने पर उनके विरुद्व प्रचलित नियमों के अनुरुप कार्यवाही प्रस्तावित की जा सकेगी।
ज्ञातव्य है शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय स्कूलों में निःशुल्क अध्ययनरत बच्चों की सत्र 2019-20 की फीस प्रतिपूर्ति के संबंध में समय सारणी निर्धारित की गयी थी, उक्त समय सारणी अनुसार प्रायवेट स्कूल स्तर से वर्ष 2019-20 के लिए ऑनलाईन फीस प्रतिपूर्ति का प्रस्ताव प्रस्तुत करने की समय सीमा 28 फरवरी 2021 तक निर्धारित थी।