बिजावर / सुरेश रजक
नगर पंचायत बिजावर के विरुद्ध फरियादी एक बार पुनः मध्यप्रदेश प्रदेश उच्च न्यायालय पहुंचा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आवेदक सौरभ शर्मा द्वारा बर्ष 2020 में सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 6 के अंतर्गत कुछ जानकारी नगर पंचायत बिजावर से चाही गई किन्तु 30 दिन समयावधि समाप्त होने पर भी आवेदक को जानकारी प्रेषित नही कराई गई, जिस की आवेदक सौरभ शर्मा द्वारा प्रथम अपील सागर में भी की, किन्तु समयावधि में भी उक्त प्रकरण का निराकरण न होने पर आवेदक द्वारा मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय अपील की गई, जिस संबंध में मा. उच्च न्यायालय द्वारा जानकारी प्रेषित करने के संबंध में आदेशित किया गया, लेकिन नगर पंचायत बिजावर द्वारा आवेदक को आधी- अधूरी जानकारी ही दी गई जिस कारण आवेदक उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना के तहत एक बार पुनः मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की शरण मे पहुंच गया है। उक्त मामले की पैरवी मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय अधिवक्ता शान्तनु अयाची एवं आदर्श हीरा जी कर रहे हैं। जो आवेदक पक्ष से पैरवी कर रहे हैंं
क्या जानकारी
नगर पंचायत बिजावर द्वारा पूर्व में कुछ नियुक्तियां की गई थी। आवेदक के अनुसार उक्त नियुक्तियों में नगर पंचायत द्वारा काफी अनियमितताएं की गई थी एवं नियमों को ताक पर रखते हुए तात्कालीन अध्यक्षों के परिवार जनों की ही नियुक्तियां की गई। जिस संबंध में आवेदक सौरभ शर्मा ने उन समस्त चयनित उम्मीदवारों के समस्त कागजात जैसे अंकसूची, जाति प्रमाण पत्र, चयन समिति के पदाधिकारियों के नाम, एवं चयन प्रक्रिया के विज्ञापन से लेकर अंतिम चयन सूची तक के समस्त कागजात की सत्यापित छायाप्रति मांगी गई थी। जो आवेदक को प्रदान नही की गई जिससे नगर पंचायत बिजावर कहीं न कहीं अपनी कोई कमी छिपा रही है।
क्या है आवेदक का कहना
मेरे द्वारा नगर पंचायत बिजावर से सूचना के अधिकार के अंतर्गत जानकारी मांगी गई थी किन्तु निर्धारित समयावधि में जानकारी मुझे प्रदान नही की गई , साथ ही सूचना का अधिकार के काम देखने वाले लिपिक अशोक साहू द्वारा भी आवेदकों के साथ अभद्र वयौहार किया जाता है जिसकी शिकायत मेरे द्वारा मुख्यमंत्री एवं मा. नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह जी से भी अभी की गई है। चूंकि नगर पंचायत द्वारा जो नियुक्तियां की गई थी अगर वो पूर्णतः निष्पक्ष और नियमों के मुताबिक की गई थीं तो नगर पंचायत बिजावर को जानकारी देने में कोई दिक्कत नही होनी चाहिए। किन्तु नगर पंचायत बिजावर के मुख्य लोक सूचना अधिकारी के द्वारा मुझे जानकारी प्रदान न करना उनको संदेह के घेरे में डालता है जिस कारण मुझे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की शरण मे जाना पड़ा। क्योंकि एक बार पूर्व में भी जानकारी हेतु मा. उच्च न्यायालय द्वारा आदेशित किया जा चुका है। किंतु सम्पूर्ण जानकारी न दे कर नगर पंचायत बिजावर द्वारा मा. उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की गई जिस संबंध मुझे पुनः न्यायालय का रुख करना पड़ा।