बिजावर(शमीम खान)- जहाँ एक ओर प्रशासन मजदूरों के पक्ष में बड़े बड़े दावे करता है तो वहीं दूसरी ओर सरपंच सचिव प्रशासन के नियमों की धज्जियां उड़ाते नज़र आते हैं 100 दिन का काम देने वाली ग्राम पंचायत अपना काम जेसीवी से चला रही है नियमों के मुताबिक पंचायत के निर्माण कार्यों में पंचायत के ही मजदूरों से काम कराया जाए ताकि मजूदरों को काम मिल सके और बेरोजगारी दूर हो सके किन्तु बिजावर जनपद के अंतर्गत आने वाली पंचायतों अपने अलग नियम ही बना रखे हैं। जो देश मे नई क्रांति लाना चाहते हैं कुछ पंचायतें केवल अपने हित के गरीब मजदूरों का अहित कर रहीं हैं। कोरोना काल मे जहाँ लोग आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं ऐसे गरीबों के मुंह का निवाला छीन रही हैं।
जनपद पंचायत बिजावर के अंतर्गत ग्राम पंचायत धरमपुरा एवं ग्राम पंचायत महुआझाला में मेड़ बंधान तालाब निर्माण कराए जा रहे हैं किंतु इनके निर्माण में मजदूरों को छोड़ कर जेसीवी मशीन का उपयोग किया जा रहा ऐसा कहना है यहां के ग्राम वासियों का, इनके मुताबिक सरपंच और सचिव अपनी तानाशाही में गरीब मजदूरों के मुंह का निवाला छीन रहे हैं क्योंकि जो काम मजदूर पूरे दिन में करते हैं उंस काम जेसीवी मात्र एक घंटे में कर देती है मतलब कहने वाली बात यह कि ज़मीन पर काम मशीनें करती है और केवल कागजों पर मजदूर।
दूसरी सोचने वाली बात यह है कि दोनों पंचायतों की दूरी मुख्यालय से मात्र कुछ ही किलोमीटर की है किंतु इसकी झनक अधिकारियों के कानों तक सुनाई नही देती या फिर सुनना ही नही चाहते हैं। हालांकि यह दोंनो पंचायतें पूर्व से विवादित पंचायतें रही है। कोरोना काल मे समस्त आला अधिकारी लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं किंतु आज तक किसी नज़र इन मशीनों पर नही पड़ी या फिर किसी दबाब बस अधिकारी अपनी चिर निद्रा में लीन है। लोगों का कहना है कि या तो इन पंचायतों को अधिकारियो का संरक्षण प्राप्त है या किसी राजनेता का, तभी इन पंचायतों पर अधिकारीगण कार्यवाही नही कर पाते और गरीब मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय को देखते रहते हैं।.