पाटन कटंगी रोड पर माल वाहक वाहन दुर्घटनाग्रस्त
मालवाहक में सवार थे 23 मजदूर
2 की मौत और 14 गंभीर मेडिकल कॉलेज रैफर
पाटन(सजल सिंघई)– एक बार फिर प्रशासन की चूक लोगों के मौत का कारण बन गई, आज तकरीबन सुबह 9 बजे के आसपास एक बोलेरो पिकअप पाटन कटंगी मार्ग पर दुर्घटना ग्रस्त हो गई जिसमें 2 लोगों की मौत 14 गंभीर घायल एवं 7 सामान्य घायल हुए।
क्या है मामला
आज सुबह तकरीबन सवा नौ बजे जब लोग सो कर उठते हैं तभी पाटन नगर के लोगों को ये अशुभ खबर सुनने को मिली कि जिसे हम माल वाहक वाहन कहते हैं उसे यहां की भाषा मे लेवर वाहन कहते है दुर्घटना ग्रस्त हो गया। प्राप्त सूत्रों के अनुसार चौधरी मोहल्ला निवासी मजदूर कटंगी रोड स्थित गांव थाना मांदे उडद और मूंग की कटाई के लिए जा रहे थे। सभी लोग बोलेरो पिकअप क्र MP20GA4783 में सवार थे और मजदूरों की संख्या 23 थी वाहन क्रोसिंग के चक्कर मे दुर्घटना ग्रस्त हो गया और मौके पर चीख पुकार की आवाजें सुनाई देने लगी। जब तक लोग कुछ समझ तब तक 2 लोग काल के गाल में समा चुके थे।
लापरवाही किसकी
जहां प्रशासन एक ओर मजदूर वर्ग के लिए बड़ी बड़ी बातें करता है तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन इस बात पर ध्यान नही देता है कि जिस वाहन को आम भाषा हम लोग माल वाहक वाहन कहते है उसको यहां पाटन क्षेत्र में लेवर वाहन या मजदूर वाहन क्यों कहा जाता है। ऐसा क्यों ? तो इसका जबाब यहां के लोगों ने बताया कि मजदूर वर्ग मजदूरी कार्य के लिये माल वाहक वाहनों में ही सफर करता है जिस पर प्रशासन का कोई अंकुश नही है। और अक्सर यहां ऐसे हादसे देखने को मिलते जिसमे कई मजदूर अपनी जान गवां चुके हैं अभी गत दो बर्ष पहले ऐसा ही एक बड़ा हादसा बगदरी घाट पर हुआ था जिसमे कई मजदूर हताहत हो गए है किंतु प्रशासन अपनी कुम्भकर्णी नींद में लिप्त रहता है। अगर प्रशासन थोड़ा सा इस बारे में सोच ले तो ये हादसे कभी होंगे ही नही। ऐसा नही की यहां अधिकारियों का मुख्यालय न हो या कोई पिछड़ा इलाका हो पर यहां पर एसडीएम, तहसीलदार आदि सभी आला अधिकारीगण बैठते हैं किंतु इस वर्ग विशेष पर कभी ध्यान नही देते।
वाहन चैकिंग पर सवालिया निशान
सोचने वाली बात यह है की अक्सर पुलिस की वाहन चैकिंग टोल टैक्स बेरियर पर लगी देखी जाती है किंतु किसी को ये लेवर वाहन दिखाई नही देते है या फिर शायद देखना ही नही चाहते हैं। ऐसा कैसे हो सकता है कि बड़े बड़े माल वाहक वाहन मजदूरों को ले कर जा रहे हैं और टोल टैक्स बैरियल के पास मिस्टर इंडिया बन कर गायब हो जाते हैं जिस पर वाहन चैकिंग दल की नजर भी नही पड़ती है। तकरीबन 2 बर्ष पहले तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अमित सिंह जी ने इस पर अंकुश लगाया था पर उनके जाने के बाद धीरे धीरे फिर गाड़ी पटरियों पर आ गई। हालांकि बरिष्ठ अधिकारियों तक इसकी सूचना ही नहीं पहुंच पाती है सूचना केवल तभी पहुचंती है जब ऐसे हादसे होते हैं।