बिजावर(हुसैन निजामी)-बिजावर वन परीक्षेत्र में दिनदहाड़े काटे जा रहे हैं सागौन के वृक्ष, एक तरफ पूरा देश पर्यावरण दिवस मना रहा हैं वहीं दूसरी तरफ बिजावर के आसपास में जंगलों में अवैध कटाई आए दिन चालू रहती है समझ नहीं आ रहा कि शायद वन विभाग के कर्मचारियों का कोई खौफ ही नहीं रह गया, बिजावर बीट के जंगल में जब हमारी टीम पहुंची तो लकड़ी कटने की आवाज आ रही थी वहां पर पहुंच कर देखा तो सागौन के वृक्षों को अपना निशाना बनाया जा रहा था मीडिया टीम को देखते ही पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलना बंद हो गई और देखते ही वन माफियायों ने दौड़ लगाना शुरू कर दिया यही काम अगर कर्मचारी करें तो माफियाओं को बहुत कठिनाई होगी लेकिन वन अमला इन पर मेहरबानी दिखा रहा है और पर्यावरण दिवस केवल कागजों पर मनाया जा रहा है। सोचने वाली बात यह है कि अगर प्रशासन सोच ले तो जंगल में परिंदा भी पर नहीं मार सकता तो फिर वक्षों की छाती पर कोई आरी या कुल्हाड़ी कैसे चला सकता है इसका तो केवल साफ यह मतलब निकलता है की कहीं न कहीं अप्रत्यक्ष तौर पर शायद विभाग की भी रजामंदी रहती है वरना मुख्यालय से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर पेड़ कैसे काटे जा सकते हैं।