पाटन (सजल सिंघई) — प्रदेश में डीएपी उर्वरक के दाम 1200 रू से 1900 रू हो जाने से किसानों में आक्रोश नजर आने लगा है। ज्ञात हो कि डीजल और उर्वरक आज के समय में किसानों के लिए खेती का मुख्य आधार है। दिन प्रतिदिन डीजल के भाव आसमान छू रहे है किसान इतने से ही परेशान थे कि शासन में डीएपी उर्वरक का बोझ और किसानों पर डाल दिया। पाटन क्षेत्र के किसानों के अनुसार आज लागत मूल्य और उत्पादन मूल्य लगभग बराबर हो गए हैं और किसान जो फसल सरकार को बेचता है तो उसका पैसा भी लगभग महीने भर से ज़्यादा समय में मिल पाता है जिसका फायदा सूद खोर उठाते हैं आज किसान इतनी ही मार से परेशान था उसके ऊपर डीएपी के दामों को बढ़ाकर सरकार ने एक और मार दे दी है। किसानों का कहना है कि यदि सरकार अपना ये फैसला वापिस नहीं लेती है तो हम लोग अनशन का रास्ता भी ले सकते हैं। यदि देखा जाए तो लॉक डॉउन में छोटे मझौले किसान परेशानी का सामना कर रहे हैं ऐसे में किसानों के साथ ये अन्याय ही माना जाएगा।
Home » डीएपी और डीजल के दामों से किसानों का हाल बेहाल
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