पाटन/संवाददाता
सामुदायिक स्वास्थ केंद्र से सिविल अस्पताल बने पाटन अस्पताल मे नए नए कारनामे सामने आ रहे कभी डॉक्टर द्वारा अपनी रिस्क पर इलाज कराने की सलाह दी जाती है तो कभी खुद के लंच टाइम मे प्राइवेट क्लिनिक मे दिखाने की सलाह दी जाती है किन्तु इस बार मरीजों के लिए एक नई समस्या ही निकल सामने आई है।
मरीज के परिजनों द्वारा बताये अनुसार प्रिंस यादव अपनी माँ के इलाज हेतु आकस्मिक चिकित्सा लेने सुबह साढ़े छ: बजे सिविल अस्पताल पाटन पहुंचा जहाँ ड्यूटी डॉक्टर डॉ. वैशाली खन्ना आराम कर रहीं थीं जब मरीज के परिजनों ने उन्हें जगा कर इलाज के लिए बोला तब डॉक्टर साहिबा ने अस्पताल मे नियुक्त गार्ड से मरीज का बीपी चेक कराया जिस बात पर परिजनों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई किन्तु ड्यूटी डॉक्टर ने मरीज के परिजनों से अभद्रता करते हुए मरीज को बाहर निकाल दिया, ज़ब अस्पताल प्रबंधन ने बढ़ता हुआ विरोध देखा तो डॉक्टर मरीज को कानूनी तौर पर दबाने के लिए एफ आई आर कराने पुलिस थाने पहुँच गई और वहाँ मरीज के परिजन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी, हलाकि मरीज के परिजनों ने पुलिस थाना पाटन मे ड्यूटी डॉक्टर के खिलाफ अभद्रता का आवेदन दिया है जिसमे लगभग तीन सौ लोग आवेदक के साथ उपस्थित रहे, अब देखना यह है की पाटन पुलिस काउंटर केस बनाती है या अधिकारी अधिकारी का पक्ष करते हैं।