पाटन/संवाददाता
आज बसंत पंचमी के अवसर पर नगर के भगवती शिशु मंदिर मे सरस्वती पूजन कर बसंत पंचमी का पर्व मनाया गया, जिसमे समस्त विद्याओं की अधिशिष्टात्री देवी मां वीणा वादिनी का पूजन किया गया तत्पश्चात बालक बालिकाओं का विद्यारम्भ संस्कार कराया।
सनातन धर्म के अनुसार आज बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती जी का अवतरण दिवस मनाया जाता है एवं आज के बाद से ही बसंत ऋतू का आगमन भी माना जाता है आज इस अवसर पर भगवती शिशु मंदिर में पं. शिव कुमार त्रिपाठी जी द्वारा वैदिक हवन कराया गया, जिसमें नगर के गणमान्य नागरिकों के साथ छात्र छात्राओं के अभिभावकगण भी उपस्थित रहे।
बसंत पंचमी की मान्यता:
पं. शिव कुमार त्रिपाठी जी के अनुसार प्रकृति की जीवंतता, देवी सरस्वती की भक्ति और कृषि समुदाय का जीवन उत्सव की एक खूबसूरत तस्वीर में एक दूसरे से जुड़ जाता है। वसंत शब्द का अर्थ है बसंत और पंचमी का पांचवें दिन। इसलिये माघ महीने में जब वसंत ऋतु का आगमन होता है तो इस महीने के पांचवे दिन यानी पंचमी को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है, हमारे ग्रंथों में बसंत पंचमी के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, इस दिन मां सरस्वती का प्रादुर्भाव हुआ था इसलिए यह दिन मां सरस्वती को समर्पित है, बुद्धि की प्राप्ति के लिए, ज्ञान की प्राप्ति के लिए, संगीत के क्षेत्र में, कला के क्षेत्र में, उन्नति के लिए लोग मां सरस्वती का विशेष पूजन बसंत पंचमी के दिन करते हैं।