सैरोरा पंचायत सचिव ने नियमों को ताक पर रख कर शासकीय राशि का किया दुरुपयोग
बिजावर/सुरेश रजक
बड़ामलहरा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सैरोरा का एक मामला प्रकाश में आया है जहां पर पंचायत सचिव नियमों से खिलवाड़ करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा हैं सचिव ने सरपंच के हस्ताक्षर के बगैर ही हजारों रुपए का भुगतान करा डाला आपको बता दें कि ग्राम पंचायत सैरौरा में सरपंच महिला है जहां पर देखा जाए तो पंचायत सचिव ने सरपंच के अधिकारों का भी हनन किया गया है पंचायत सचिव के इस कार्य से यह स्पष्ट होता है कि पंचायत सचिव अपनी मनमानी करने में जरा भी संकोच नहीं कर रहा हैं वहीं पंचायत सचिव को वरिष्ठ अधिकारियों का भी भय नहीं है जिससे पंचायत सचिव कोई भी कदम बेखौफ उठा लेता हैं।
गौरतलब है कि पंचायत सचिव द्वारा पोर्टल पर अपलोड किए गए बिलों में सरपंच एवं सचिव के हस्ताक्षर गायब हैं, वही उक्त भुगतान पंचायत सचिव ने सरपंच के बिना सहमति के किया है या इसमें सरपंच की मूक सहमति है यह स्पष्ट नहीं हो सका जो जांच का विषय है क्योंकि अगर सरपंच की मिलीभगत नहीं होती तो सरपंच स्वयं ही इस अवैध भुगतान में हस्तक्षेप करती, परंतु अभी तक सरपंच के द्वारा किसी भी प्रकार की विरोधात्मक प्रतिक्रिया नजर नहीं आई है।
ग्राम पंचायत कार्यालय में कंप्यूटर भी मौजूद है परंतु सचिव कार्यालय के कंप्यूटर का इस्तेमाल ना करते हुए बाहर से कार्यालयीन कार्य करवा रहे है जिसका लाभ दुकानदारों को जा रहा है और यही नहीं सचिव द्वारा करवाए जा रहे अधिकतर कार्य एक ही दुकान से हो रहे हैं जिसका भुगतान अलग-अलग व्यक्तियों के नामों से एक ही दुकान के नाम से किया गया है। यह कार्य कहीं ना कहीं पंचायत सचिव की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह? लगा रहा है। बताया यह गया है कि पंचायत सचिव द्वारा भुगतान की गई राशि उक्त मद के लिए नही थी परंतु इसके बावजूद पंचायत सचिव ने फोटोकॉपी एवं टैंकर रिपेयरिंग के नाम पर हजारों रुपए का भुगतान करा डाला जो नियम विरुद्ध है। पंचायत सचिव द्वारा किए गए इस कार्य की निष्पक्ष जांच नहीं की गई तो आगामी परिणाम सोच से परे होंगे वरिष्ठ अधिकारियों को चाहिए कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जाए और दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाए।