पाटन/संवाददाता
जहाँ एक ओर भाजपा सरकार प्रदेश में सुशासन का सपना सजा रही है तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन के नुमाइंदे सरकार की नीतियों को ठेंगा दिखा रहे हैं शासन प्रतिदिन केवल नई नई नियमावली बनाने में मशरूफ है तो प्रशासनिक अधिकारी उनकी चाबी बनाने में लिप्त है।
गैरतलब है कि शिवराज शासन में अधिकारियों को मुख्यालय निवास हेतु नियम लागू किया गया था जिससे आमजन अपनी समस्याओं को लेकर किसी भी समय अधिकारियों तक अपनी बात रख सकें और उसका समाधान प्राप्त कर सकें किन्तु अधिकारियों का मुख्यालय निवास केवल कागजो पर ही चल रहा है प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर की जन सुविधाओं की समस्त जबाबदेही नगरीय प्रशासन की होती है किन्तु पाटन नगर में उक्त बिभाग का यह आलाम है कि यहां पदस्थ मुख्य नगर पालिका अधिकारी महोदया का अधिकतर समय जबलपुर में ही व्यतीत होता है उनका मुख्यालय निवास न करना शासन के नियमों पर बट्टा लगा रहा है जिसके चलते वार्डों में समस्याओं का अंबार खड़ा हुआ है किसी वार्ड में रोड की समस्या है तो किसी में पानी की, तो कहीं जल भराव की, क्योंकि सीएमओ साहबा द्वारा कभी नगर भ्रमण किया ही नही जाता है।
पूर्व में पदस्थ नगर पालिका अधिकारी नीलम चौहान का निवास मुख्यालय पर हुआ करता था साथ ही उनके द्वारा समय-समय पर वार्डों का भ्रमण भी किया जाता था ताकि आमजन की समस्याओं से रूबरू हो सकें, जो उनकी उत्कृष्ट कार्यशैली को प्रदर्शित करती थी।