पाटन/संवाददाता
बिजली विभाग पाटन के अंतर्गत होने वाले निविदा कार्य निविदा आधार पर नही बल्कि कमीशन आधार पर दिए जाते हैं, जितनी भी नवीन कार्यों का स्टीमेट बनाया जाता है उस पर पहले ही कमीशनधारी ठेकेदार का नाम डाल दिया जाता है इतना ही लाइसेंस धारी ठेकेदारों को विजली विभाग के कर्मचारी स्वयं ही साइड निरीक्षण कराने जाते है, दूसरी ओर अगर कोई नया ठेकेदार काम करना चाहे तो उसे यहाँ से मात्र निराशा ही हाथ लगती है जिसका दूसरा कारण है यहाँ कई बर्षों से जमे पदाधिकारी।
ज्ञात हो कि दर्शिका दंभरे यहाँ पिछले कई बर्षों जेई के पद पर पदस्थ हैं जिनका तबादला कई दिनों पहले हो चुका है किंतु आज भी वो पदभार लिए हुए हैं एवं यहाँ से रिलीव नहीं हुई हैं न ही उनको बरिष्ठ अधिकारी रिलीव कर रहे है शायद इसके पीछे भी अधिकारियों की कोई मंशा है।
गैरतलब है कि शासन के नियमानुसार बरसात आने से पूर्व लाईनों को दुरुस्त किया जाता है मेंटेनेंस कार्य किया जाता है ताकि बरसात के दिनों में आम आदमी को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े, किंतु पाटन क्षेत्र के नागरिकों के लिए इस प्रचंड गर्मी में अघोषित बिजली कटौती एक अभिषाप तो बनी है किंतु मेंटेनेंस कार्य शून्य है।