गौरझामर/गिरीश शर्मा
गौरझामर पुलिस से बेखौफ व निडरता से बड़े पैमाने पर
क्षेत्र में बगैर लाइसेंस के साहूकारी अवैध कारोबार किया जा रहा है सूदखोरों द्वारा ब्याज में रकम देकर कर्जदार से कई गुना पैसा वसूलने का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। हालांकि कोई इसकी शिकायत नहीं करता। परिणाम यह है कि सूदखोरी का अवैध धंधा बड़े पैमाने पर फलफूल रहा है। साहूकारी का धंधा करने वाले लोग बिना लाइसेंस के सूद पर रुपया देते हैं। गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर आजीवन उनसे अवैध रूप से ब्याज वसूल करते हैं। ऐसे लोगों द्वारा वसूली के लिए अपराधियों को भी एजेंट रखा गया है, जो सूद पर उधार लेने वालों को डरा-धमकाकर, प्रताड़ित कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का शोषण करते हैं। जब ब्याज व मूलधन की राशि समय पर नहीं लौटा पाने पर सूदखोरों के द्वारा जमीन, जायदाद सहित अन्य संपत्ति को गिरवी रख लेते हैं। हाल यह है कि आड़े वक्त में सूद पर रुपया उधार लेने वाले सूदखोर, लोगों को इतना भयभीत कर देते हैं कि उन्हें अपनी महीने भर की कमाई का बड़ा हिस्सा चुकाना पड़ता है। ऐसे में गृहस्थी की गाड़ी लड़खड़ाने लगती है सूत्रों की माने तो नगर में दो सूदखोर है जो बगैर लाइसेंस के गरीब और छोटे व्यापारियों को ब्याज पर रुपए देते हैं हर व्यक्ति की डायरी पर प्रतिदिन एंट्री की जाती है नाम ना छापने की शर्त पर पीड़ित ने बताया कि पप्पू जैन द्वारा गोपाल साहू के माध्यम से 8 हजार रुपये के 12 हजार रुपये लिए जाते हैं प्रतिदिन सौ रुपए रोजाना के हिसाब से लौटाने पढ़ते हैं यदि 1 दिन देर हो तो पेनाल्टी सहित रकम दो सो रुपए हो जाती है इन सूदखोरों द्वारा कई लोगों को परेशान किया जा रहा है और 20% ब्याज हिसाब से लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं
शिकायत करने से कतराते हैं लोग: बेहद जरूरतमंद व्यक्ति ही सूदखोर से कर्ज लेता है, इसलिए उस पर कर्ज चुकाने का खासा दबाव रहता है। कर्जदार तो पूरी रकम चुकाना चाहता है, मगर ब्याज की रकम ही इतनी ज्यादा होती है कि उसकी कमाई इसे चुकाने में ही चली जाती है। सिर पर कर्ज होने की वजह से वह पुलिस प्रशासन से शिकायत करने का जोखिम उठाने में कतराता है। ऊपर से सूदखारों का रसूख भी उनको ऐसा करने से रोक देता है।