ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती मिड-डे-मील योजना:एक सप्ताह से बच्चों को नहीं मिल रहा मध्याह्न भोजन, समूह की अध्यक्ष बोली- नहीं मिल रहा राशन
गौरझामर/गिरीश शर्मा
गौरझामर मध्यप्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में दम तोड़ती नजर आ रही है एक ओर शासन जहां बच्चों को विद्यालय जाने के प्रेरित कर रहा है। इसके लिए कई प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। इससे बच्चे नियमित विद्यालय जाए। लाखों कराेड़ाें रुपए नवनिहालाें की बेहतर शिक्षा के लिए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं लापरवाही के चलते शासन की महत्वाकांक्षी योजना मध्याह्न भोजन में अनियमितता का मामला सामने आया है गौरझामर कन्या शाला संकुल केंद्र के अंतर्गत आने वाला शासकीय प्राथमिक शाला कृष्णानंद स्कूल में कक्षा पहली से 5वीं तक के बच्चों को एक फरवरी से मध्याह्न भोजन नहीं मिला है। समूह की अध्यक्ष का कहना है कि राशन नहीं मिलने के कारण मध्याह्न भोजन नहीं बना पा रहे छोटे बच्चों को एक फरवरी से खाना नहीं मिल रहा है। बच्चे प्रतिदिन यहां आकर खाना मांगते हैं। निर्धन परिवारों से बच्चे यहां पढ़ने आते हैं। ऐसे में यहां बच्चाें को मध्याह्न भोजन नहीं मिलता है तो बच्चे की उपस्थिति पर प्रभाव पड़ता है।
पिछले एक साल से नहीं मिल रहा है राशन
स्कूल में पदस्थ शिक्षक राजकुमार राजपूत ने बताया कि पिछले 1 साल से समूह को राशन नहीं दिया जा रहा स्कूल द्वारा अधिकारियों को पत्र के माध्यम से शिकायत की गई थी मगर कोई सुनवाई नहीं की तो हमें शिक्षकों द्वारा राशन की व्यवस्था कर बच्चों को मध्याह्न भोजन बनवा रहे थे मगर एक फरवरी से राशन की व्यवस्था नहीं हो पा रही है इसी के कारण बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिल रहा है,
इस संबंध में समूह का खाना बनाने वाले उषा राजपूत ने बताया पिछले 1 साल से राशन दुकान से राशन नहीं दिया जा रहा है स्कूल शिक्षा के द्वारा राशन उपलब्ध करवाया जाता था तो हम मध्याह्न भोजन बनाकर बच्चों को दिया गया है लेकिन अब वहां से भी नहीं मिल रहा है। जिम्मेदारों को इस समस्या का निराकरण करने के लिए कहा था। स्कूल पदस्थ शिक्षकों द्वारा अधिकारिय को पत्र के माध्यम से राशन आवंटन किए जाने की मांग की थी। लेकिन अब तक राशन नहीं मिला। इससे छोटे बच्चों को खाना नहीं मिल पा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी में बताया कि कन्या हाई स्कूल के संकुल केंद्र पर पदस्थ जन शिक्षक राजकुमार लोधी द्वारा स्कूलों का निरीक्षण नहीं करते जिससे लापरवाही सामने आ रही है संकुल केंद्र पर एक पद होता है जन शिक्षक (सीएसी)। इनका कार्य होता है कि वे अपने जन शिक्षा केंद्र के अंतर्गत आने वाले किसी भी एक स्कूल में पहुंचकर न सिर्फ कठिन विषयों पर शिक्षक को आने वाली परेशानी का समाधान करेंगे, बल्कि उस स्कूल में कम से कम एक कक्षा को पढ़ाएंगे भी, लेकिन हकीकत में ये जनशिक्षक द्वारा स्कूलों में जाते ही नहीं की बच्चों को स्कूल में कैसी व्यवस्थाएं दी जा रही है बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा कि नहीं पढ़ाई हो रही कि नहीं इन चीजों को लेकर जनशिक्षक द्वारा लगातार स्कूलों में लापरवाही की जा रही।
इनका कहना है
अगर बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं दिया जा रहा है तो इसकी जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी: ब्रह्मानंद बचकैया बीआरसी देवरी
उनका कहना है
मंडखेड़ा राशन दुकान की जांच कर अनियमितताओं का प्रतिवेदन एसडीएम के समक्ष पेश कर दिया गया है हटाने की कार्रवाई चल रही है:पलक खरे खाद्य निरीक्षक अधिकारी देवरी