गौरझामर/गिरीश शर्मा
पुलिस थाना में स्टाफ की कमी के कारण यहां कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इनके लिए क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। थाने के 36 पदों में से 18 पद खाली हैं।
गौरझामर पुलिस थाने में स्टाफ की कमी से परेशानी हो रही है। थाना क्षेत्र में करीब 44 गांव है इसके बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग और कई जिलों के लिए जाने वाले सीधे रास्तों के बीच के इस थाने में पुलिस बल नहीं बढ़ रहा है। अपराधों पर नियंत्रण यहां काफी चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। पुलिस थाना में स्टाफ की कमी के कारण यहां कर्मचारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इनके लिए क्षेत्र की कानून व्यवस्था को बनाए रखना भी किसी चुनौती से कम नहीं है। थाने के 36 पदों में से 18 पद खाली हैं। ऐसे में मात्र 18 लोगों का स्टाफ ही पूरे थाना के अधीन आने वाले क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहा है। थाना में स्थिति उस समय परेशानी भरी हो जाती है, जब मौजूदा स्टाफ में से तीन या चार पुलिस कर्मियों को एविडेंस ड्यूटी, एक्यूस्ड ड्यूटी या फिर छुट्टी पर जाना पड़ जाए। पुलिस थाना गौरझामर की सीमा में 44 गांव आते हैं जिन्हेंमे 4 बीट है लगभग 50 हजार से अधिक है। इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं है। खाली पड़े पदों को भरने की मांग लगातार वरिष्ठ अधिकारियों से की जाती रही है, लेकिन इस ओर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। ऐसे में स्टाफ की कमी का असर क्षेत्र की कानून व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। जिनकी सुरक्षा व्यवस्था पुलिस थाना गौरझामर के अधीन है। जहां स्टाफ की कमी के कारण सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने में कई बार परेशानी खड़ी हो जाती है। ऐसे में थाना के अधीन आने वाले दूरदराज गावों में एक ही समय में एक या दो से अधिक कोई आपराधिक घटनाएं हो जाती हैं तो इस स्थिती में थाना में स्टाफ की कमी बहुत खलती है। इस स्थिति में क्षेत्र में कानून व्यवस्था और आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ थाने में आने वाले फरियादियों की शिकायतों का समय पर निपटारा करना भी मौजूदा स्टाफ के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। थाना के स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए कई बार पुलिस कर्मियों को डबल ड्यूटी भी करनी पड़ती है।
पुलिस थाना में एक इंस्पेक्टर सहित कुल 36 पुलिसकर्मियों का स्टाफ स्वीकृत है। वर्तमान में यहां जितने पुलिस कर्मियों की जरूरत है, उनमें से कई पद खाली पड़े हैं। थाने में उप निरीक्षक का एक पद है वहा भी खाली हैं। एएसआइ के 6 पद हैं जिसमें से एक पद खाली है। हवलदार के आठ पद है जिसमें से दो पद खाली है आरक्षक के 16 पद है जिसमें से 11 पद खाली चल रहे हैं इस तरह थाने के 36 स्वीकृत पदों में से 18 पद आज भी खाली पड़े हैं। ऐसे में मात्र 18 पुलिस कर्मी 44 गांव की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
थाने में पदस्थ पुलिस कर्मियों ने कहा कि थाने में स्टाफ की कमी के बावजूद क्षेत्र में रैली, धरना-प्रदर्शन व सभाओं के साथ अन्य कार्यक्रमों में शांति व कानून व्यवस्था बनाए के रखने के लिए दूसरे थानों से अतिरिक्त पुलिस बल बुलाना पड़ता है। रिक्त पदों को भरने के लिए उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।