मुंबई। आईआईटी-दिल्ली और आईआईएम-अहमदाबाद के भूतपूर्व छात्र एवं भूतपूर्व लोकसेवक आचार्य प्रशांत को पेटा ने ‘2022 मोस्ट इंफ्लूएंशियल वीगन’ अवार्ड से सम्मानित किया है।
आचार्य प्रशांत ने कहा, “अहिंसा एक गहरी समझ है। उस समझ के बगैर, इंसान जो कुछ भी करता है, वह हिंसा है। वीगनिज़्म और कुछ नहीं बल्कि वेजीटेरियनिज़्म का तार्किक शिखर है। वेजीटेरियनिज़्म कहाँ से आता है? इस भावना से कि मैं किसी जानवर को नहीं मारूंगा- मैं किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता। इसी भावना की अंतिम अभिव्यक्ति है वीगनिज़्म।‘’
अपने सोशल मीडिया चैनलों पर 2 बिलियन से ज्यादा लाइफटाइम व्यूज के साथ आचार्य प्रशांत ने लाखों लोगों का परिचय वीगनिज़्म से कराया है, जिसका मतलब है जानवरों, पर्यावरण और मानवीय स्वास्थ्य को अनावश्यक हानि नहीं पहुँचाना। वे एक समाज सुधारक, वेदांत के शिक्षक और महिलाओं, पशुओं तथा पर्यावरण के हिमायती हैं।
उन्होंने कहा, “भोजन ग्रीनहाउस उत्सर्जनों में संभवत: सबसे बड़ा या दूसरा सबसे बड़ा योगदान देने वाला है। लेकिन हम इसके बारे में बात नहीं करना चाहते। कार्बन का उत्सर्जन करने वाली खाने-पीने की चीजें ज्यादातर वे चीजें हैं, जिनके लिये जानवरों से क्रूरता की जाती है।
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