20 C
Madhya Pradesh
December 20, 2025
Bundeli Khabar
Home » नैतिक शिक्षा से ही होगा सर्वांगीण विकास – भगवान भाई
उत्तरप्रदेश

नैतिक शिक्षा से ही होगा सर्वांगीण विकास – भगवान भाई

Bundelikhabar

गोरखपुर। शिक्षा का मूल उद्देश्य है चरित्र का निर्माण करना, असत्य से सत्य की ओर ले जाना, बंधन से मुक्ति की ओर जाना, लेकिन आज की शिक्षा भौतिकता की ओर ले जा रही है। भौतिक शिक्षा से भौतिकता की प्राप्ति होती है और नैतिक शिक्षा से चरित्र बनता है। इसलिए वर्तमान के समय प्रमाण भौतिक शिक्षा के साथ साथ बच्चो को नैतिक शिक्षा की भी आवश्यकता है। यह बात माउंट आबू राजस्थान से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कही। वे उक्त बातें सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के छात्राओं और शिक्षिका को जीवन में नीतिक शिक्षा का महत्व विषय पर कहे।
भगवान भाई ने कहा कि विद्यार्थियों को मुल्यांकन, आचरण, अनुकरण, लेखन, व्यवहारिक ज्ञान इत्यादि पर जोर देना होगा। वर्तमान के समाज में मूल्यों की कमी हर समस्या का मूल कारण हैं। उन्होंने कहा कि जब तक हमारे व्यवहारिक जीवन में परोपकार, सेवाभाव, त्याग, उदारता, पवित्रता, सहनशीलता, नम्रता, धैर्यता, सत्य, ईमानदारी, आदि सद्गुण नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है। शिक्षा एक बीज है और जीवन एक वृक्ष है जब तक हमारे जीवन रूपी वृक्ष में गुण रूपी फल नहीं आते तब तक हमारी शिक्षा अधूरी है। समाज अमूर्त होता हैं और प्रेम, सद्भावना, भातृत्व, नैतिकता एवं मानवीय सद्गुणों से सचालित होता हैं।
उन्होंने कहा कि भौतिक शिक्षा से भौतिकता का विकास होगा और नैतिक शिक्षा से सर्वागिंण विकास होगा। नैतिक शिक्षा से ही हम अपने व्यक्तित्व का निर्माण करते है जो आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना करने का आत्मविवेक व आत्मबल प्रदान करता है। उन्होंने कहा की नैतिकता के अंग हैं – सच बोलना, चोरी न करना, अहिंसा, दूसरों के प्रति उदारता, शिष्टता, विनम्रता, सुशीलता आदि। नैतिक शिक्षा के अभाव के कारण ही आज जगत में अनुशासनहीनता, अपराध, नशा-व्यसन, क्रोध, झगड़े, आपसी मन मुटाव बढ़ता जा रहा है। नैतिक शिक्षा ही मानव को ‘मानव’ बनाती है क्योंकि नैतिक गुणों के बल पर ही मनुष्य वंदनीय बनता है। सारी दुनिया में नैतिकता अर्थात सच्चरित्रता के बल पर ही धन-दौलत, सुख और वैभव की नींव खड़ी है।
प्रिंसिपल रजनी सिंह ने भी अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि नैतिक शिक्षा से ही छात्र-छात्राओं में सशक्तिकरण आ सकता है। उन्होंने आगे बताया कि नैतिकता के बिना जीवन अंधकार में हैं। नैतिक मूल्यों की कमी के कारण अज्ञानता, सामाजिक, कुरीतियां व्यसन, नशा, व्यभिचार आदि के कारण समाज पतन की ओर जाता है।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र माया बाज़ार की प्रभारी बी.के. समृद्धि बहन बीके भगवान भाई का परिचय देते हुए कहा कि बी के भगवान भाई ने 2011 तक 5000 स्कूलों में और 800 कारागृह (जेल) में नैतिक शिक्षा और अपराधमुक्त का पथ पढ़ाकर इंडिया बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब तक जीवन में आध्यात्मिकता नही है तब तक जीवन में नैतिकता नही आती है। आध्यात्मिकता की परिभाषा बताते हुए उन्होंने कहा की स्वयं को जानना, पिता परमात्मा को जानना और उसको याद करना ही आध्यात्मिकता है जिसको राजयोग कहते है। राजयोग को अपनी दिनचर्या का अंग बनाने की अपील किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत से की गयी और अंत में बीके भगवान भाई ने मन की एकाग्रता बढाने हेतु राजयोग मेडिटेशन भी कराया।
स्थानीय ब्रह्माकुमारी राजयोग सेवाकेंद्र की शिक्षिका बी.के. अनामिका ने ब्रह्माकुमारी संस्था का विस्तार से परिचय दिया। बीके अंकित भाई ने भी उद्बोधन दिया।
कार्यक्रम सभी शिक्षक स्टाफ के साथ सुधीर केशवानी भी उपस्थित थे।


Bundelikhabar

Related posts

लखनऊ में होगा पहला “BEFA” अवार्ड शो का आयोजन सनी लियोन के साथ जुटेंगे कई बॉलीवुड सितारें

Bundeli Khabar

फायरिंग की घटना से संबंधित 02 अभियुक्त गिरफ्तार

Bundeli Khabar

घरेलू कलह से परेशान महिला ने 3 बच्चों सहित ट्रेन से कटने का किया प्रयास

Bundeli Khabar
error: Content is protected !!