बिजावर/संवाददाता
घींच नीची, पीठ ऊंची ,पूंछ नीची, ऊंट की .., हैलो हाय जो काय सहित अनेक रचनाओं के शिल्पी,बिहारी साहित्य मंच बिजावर के संस्थापक एवं बुंदेली गौरव संतोष बिजावरी का गत रात्रि निधन हो गया।
आप बोलचाल की भाषा के सरल शब्दों का उपयोग कर अपनी काव्य रचनाओं के लिए प्रसिद्ध रहे हैं । बिजावर की समृद्ध साहित्यिक विरासत को सहेजने और नई पहचान देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे हैं। आपका इस तरह चले जाना एक अपूरणीय क्षति है।
न्यायालय विभाग में अपनी सेवाएं देते हुए पिछले 5 बर्ष पहले ही सेवानिवृत्त हुए थे, लगभग 65 बर्ष की उम्र में साहित्य प्रेमियों को छोड़कर चले गए, संतोष समारी उर्फ संतोष बिजावरी जी पिछले कई बर्षों से साहित्य जगत में भी अपनी अस्मर्णीय छवि बनाये हुए थे एवम देश के राष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रस्तुति देते रहे हैं जो हास्य व्यंग्य के रचनाकार थे।