संतोष साहू,
मुम्बई। कृष्णा शांति प्रोडक्शन बैनर तले बन रही निर्माता सूरज मिश्रा की फिल्म ‘इश्क पश्मीना’ में युवा कलाकार भाविन भानुशाली और क्रिकेटर दीपक चाहर की बहन मालती चाहर अभिनय करते नज़र आएंगे। भाविन भानुशाली इससे पहले धारावाहिक ‘दे दे प्यार दे’, ‘वेल्लापंती’ और ‘ए. आई. शा: माय वर्चुअल गर्लफ्रैंड’ में अभिनय कर चुके हैं। उन्होंने म्यूजिक वीडियो में भी अभिनय के साथ गायन किया है।
भाविन भानुशाली कहते हैं कि फ़िल्म इश्क पश्मीना में मेरा किरदार ही फ़िल्म का हिस्सा होने की मेरी बड़ी वजह है। यह एक चैलेंजिंग रोल था जिसे करने में मुझे बेहद खुशी महसूस हुई। मेरी सह कलाकार मालती के साथ काम करना बहुत ही अच्छा लगा, वो बहुत प्यारी इंसान है। ‘इश्क पश्मीना’ एक भावपूर्ण, काव्यात्मक और असामान्य प्रेम कहानी का चित्रण करती है जो दर्शकों के दिलों तक जरूर पहुंचेगी।
अभिनेत्री मालती चाहर ने कहा कि भाविन के साथ काम करना मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव था, वह बहुत ही अच्छे सह-अभिनेता हैं और हमारे निर्देशक अरविंद एक प्रभावशाली और कड़ी मेहनत से काम करने वाले निर्देशक हैं। जरीना मैम हम सभी के साथ बहुत प्यार से और धैर्य से पेश आती थी उनके साथ काम करना सुखद था।
अरविंद पांडे इस फ़िल्म से निर्देशन में डेब्यू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं निर्माता सूरज मिश्रा और शालू मिश्रा का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे स्वतंत्रता पूर्वक इस फिल्म का निर्देशन करने का अवसर दिया। निर्माताओं के मार्गदर्शन में काम करना बहुत संतुष्टिदायक रहा। वे बहुत सहयोगी और समझदार थे। चूंकि यह मेरी, भाविन और मालती की पहली फिल्म है, हमने इसमें अपना सब कुछ दिया और मेरा मानना है कि यह भावनात्मक रूप से बेहतरीन फ़िल्म है। इस फिल्म में अनुभवी कलाकार अभिनेत्री जरीना वहाब, बृजेंद्र काला, कायनात अरोड़ा, गौरिका मिश्रा, विजय मिश्रा, सुनील यश चौरसिया और विक्रम भी शामिल हैं। फिल्म ‘इश्क पश्मीना’ के एडिटर राजेश पांडे हैं जिन्होंने मैरी कॉम, सरबजीत, पद्मावत, बाजीराव मस्तानी और गंगूबाई जैसी प्रसिद्ध फिल्में की हैं। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी नवीन वी मिश्रा ने की है।
आपको बता दें कि सूरज मिश्रा और शालू मिश्रा लखनऊ के व्यवसायी हैं। सूरज मिश्रा की फिल्मों के प्रति गहन रुचि थी। इसीलिए अपने बैनर कृष्णा शांति प्रोडक्शन के अंतर्गत फ़िल्म ‘इश्क पश्मीना’ का निर्माण किया। सूरज नई प्रतिभाओं के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि नवागंतुकों में कुछ नया और बेहतर करने का जुनून होता है। बड़े बजट और बड़ी टीम से ही नहीं, टीम के जज्बे से ही बेहतरीन फिल्म बनाई जा सकती है।