गायत्री साहू,
मुम्बई। मधुबनी (बिहार) से मुम्बई तक का सुनहरा सफर तय करने वाले गीतकार अमिताभ रंजन फिल्म इंडस्ट्री में अपने सैकड़ों गीतों की धुन सजा चुके हैं। इन्होंने गीत-संगीत का नया आयाम छूने के लिए संगीत के क्षेत्र में कदम रखा और अपनी कंपनी मेलोडी बॉक्स म्यूजिक का निर्माण किया। इस कंपनी को मीनू कुमारी का पूर्ण सहयोग मिला। दोनों ने मिलकर अपनी कंपनी के तहत तीन सौ से अधिक गाने बनाये। इस प्रकार गीतकार से संगीतकार बने अमिताभ रंजन कई गीत कंपोज़ कर चुके हैं। केवल अपनी ही कंपनी नहीं बल्कि अन्य कंपनी के लिए गीत संगीत और धुन का निर्माण किया है।
अमिताभ रंजन ने सबसे पहले दिल्ली में रहकर गीत लेखन में शुरुआत की और सफल भी रहे। नए अंदाज में इनके गीत लेखन के काम को काफी सराहना मिली लेकिन संघर्ष भी चलता रहा। लेखन कौशल इन्हें अपने पिता से विरासत में मिला है। वे बेहद कम उम्र से ही माँ सरस्वती की साधना में लीन हो गए। मुंबई आकर गीत लेखन के साथ पत्रकारिता का कार्य भी सफलता पूर्वक किया लेकिन गीत संगीत में अधिक रुचि होने के कारण ये इसी मार्ग में आगे बढ़े। टी सीरीज़, एलटीसी, शेमारू, चांदना कैसेट, आरसीएम आदि कई कंपनियों के लिए गाने लिखे। प्रारंभ में भक्ति गीत से इन्होंने शुरुआत की फिर रोमांटिक, सेड सांग और आइटम सॉन्ग सभी प्रकार के गीत लिखे।
इनके लिखे गीतों को उदित नारायण, सोनू निगम, शान, अलका याग्निक, सुनिधि चौहान, पलक मुछाल, ममता शर्मा, मोहित चौहान, विनोद राठौड़, जावेद अली, अंतरा मित्रा, नक्काश अज़ीज़, अमित मिश्रा, देव नेगी, मोहम्मद इरफान, कल्पना पटवारी गा चुके हैं। हिमेश रेशमिया ने दस गीत के लिए अमिताभ को अनुबंधित किया है।
अमिताभ रंजन के गीत सारेगामा, टिप्स, ज़ी म्यूजिक, अल्ट्रा, बिफोरयू, एसआरके, वर्ल्डवाइड म्यूजिक जैसी म्यूजिक कम्पनी द्वारा रिलीज हो चुकी है। साथ ही वे डीडीएलजे के संगीतकार जतिन ललित के लिए गीत लेखन कर चुके हैं।
अमिताभ ने हिंदी फिल्म, प्रादेशिक फ़िल्म और एलबमों के लिए कई गाने लिखे हैं। अरशद वारसी और बोमन ईरानी की फ़िल्म ‘द लीजेंट ऑफ माइकल मिश्रा’, रजनीश दुग्गल की ‘मिस्टर एमबीए’, लव जैसा प्यार, ये कैसी आशिकी, मिड समर मिड नाइट जैसी दो दर्जनों से अधिक फिल्मों में गीत लिख चुके हैं। राहुल देव की फ़िल्म ‘एक खिलवाड़’ के गीत इन्होंने ही बनाया है। आगामी फिल्म ‘धूप छाँव’ में इनके गीतों को कैलाश खेर, जावेद अली और अन्वेषा ने आवाज दी है।
अभी तक अमिताभ अनगिनत गीतों की रचना कर चुके हैं और अब संगीत निर्माण में भी सफल रहे हैं।
अमिताभ रंजन बताते हैं कि जब वह फ़िल्म इंडस्ट्री में आये थे तब उनका कोई गॉडफादर नहीं था ना ही कोई दूर का पहचान वाला। अपने दम पर इंडस्ट्री में अपना सफर तय किया। इसलिए वे चाहते हैं कि उनकी कंपनी मेलोडी बॉक्स म्यूजिक के द्वारा नए गायक और योग्य कलाकारों को आसानी से मौका मिल सके। उन्हें एक रोजगार मोहैया हो। वे नए कलाकारों को आगे बढ़ने के लिए माध्यम और रोजगार देना चाहते हैं ताकि उन्हें अधिक संघर्ष ना करना पड़े। संगीत से उन्हें बड़ा प्रेम है इसलिए वे ताउम्र संगीत को अपनी संगनी और उद्देश्य बनाकर जीना चाहते हैं।